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राम राज्य बैठे त्रयलोका, हर्षित भये गये सब शोका

थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत त्रिलोकपुर यज्ञस्थली पर चल रही रामलीला के दसवें दिवस रात्रि पर श्री बांके बिहारी संस्थान वृंदावन से आये कलाकारों ने समुद्र पर सेतु बांधने से लेकर राम रावण युद्ध व राम के...

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हिन्दुस्तान संवाद ,धानेपुर(गोंडा)।Sun, 21 Oct 2018 03:29 PM
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थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत त्रिलोकपुर यज्ञस्थली पर चल रही रामलीला के दसवें दिवस रात्रि पर श्री बांके बिहारी संस्थान वृंदावन से आये कलाकारों ने समुद्र पर सेतु बांधने से लेकर राम रावण युद्ध व राम के राज्याभिषेक तक की लीलाओं का मंचन किया। सीता का पता चलने पर राम ने लंका पर चढ़ाई की योजना बनाई और समुद्र पर विश्वकर्मा के पुत्र नल नील की सहायता से पुल का निर्माण किया। इसके बाद भी युद्ध टालने की इच्छा से राम ने अंगद को दूत बनाकर रावण के दरबार में समझाने के लिए भेजा लेकिन रावण नहीं माना। इस पर युद्ध का शंखनाद हो गया और की सेनाओं ने रावण के किले पर धावा बोल दिया और दोनों पक्षों के बीच जमकर युद्ध हुआ। 
एक-एक कर राक्षसी योद्धा धराशायी होने लगे तो मेघनाद युद्ध के मैदान में आ गया और एक बार ने लक्ष्मण पर शक्ति बाण वरछी से वार कर मूर्छित कर दिया। जिस पर रामादल में शोक छा गया। सुषेन वैद्य के सलाह पर रातों रात हिमालय पर्वत से हनुमान जी ने संजीवनी बूटी को लाकर लक्ष्मण के प्राण बचाया। दोबारा लक्ष्मण व मेघनाद के बीच युद्ध हुआ तो सभी शक्तियां मेघनाद की विफल हो गयी और मेघनाद मारा गया। इस पर रावण बहुत ही क्रोधित हुआ और अपने भाई कुम्भकर्ण को युद्ध के लिए भेज दिया। इस पर उसके प्रहार से राम की सेनाओं में भगदड़ मच गई। यह देखकर राम भी युद्ध में आ डटे। कुम्भकर्ण राम के हाथों मारा गया। इसके बाद रावण स्वयं युद्ध के मैदान में आ गया तीन दिन तक चले घनघोर युद्ध के बाद विभीषण ने बताया कि इसके नाभि में अमृत है इस पर एक ही बाण से अमृत सुखा दिया फिर अगले बाण से वध कर दिया। इसके बाद अयोध्या लौट आये। यहां पर पहुंचने पर अयोध्या वासियों ने दीप प्रज्वलित कर जोरदार स्वागत किया। राम राजा बनाये गये। इधर बाबा तुलसी ने मानस में संकेत दिया है कि -राम राज बैठे त्रय लोका, हर्षित भये गये सब शोका। बाबा ने कहा कि वनवास की अवधि पूरी कर लौटे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने राजगद्दी संभाली तो तीनो लोकों में खुशी छा गयी। देवता आकाश से सुमन वर्षा करने लगे। ठीक इसी तरह त्रिलोकपुर यज्ञस्थली पर भी राम के राज्याभिषेक के समय सुमन वृष्टि हैं होने लगी महिलाएं मंगल गान गाने लगी। चारों तरफ राम की जय जयकार होने लगी सभी खुशी से झूम उठे।

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