सुलतानपुर : डीगुरपुर की रामलीला गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल
डीगुरपुर की नव दुर्गा रामलीला समिति गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रही है। रामलीला के मंचन व्यवस्था में दोनों समुदाय के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। रामलीला से जुड़े लोग समय पर परदेश से घर आ जाते...
डीगुरपुर की नव दुर्गा रामलीला समिति गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रही है। रामलीला के मंचन व्यवस्था में दोनों समुदाय के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। रामलीला से जुड़े लोग समय पर परदेश से घर आ जाते हैं।
चौहानपुर ग्राउंड पर उन्तीस साल पहले आपसी सहयोग से नव दुर्गा पूजा एवं राम लीला समिति की स्थापना की गई। इस समिति की स्थापना स्वर्गीय डॉ राम मिलन बर्मा, रामजी अग्रहरि, संतराम, त्रिलोकी नाथ, अहमद अली, राजकुमार ने किया था। रामलीला मंचन के लिए दोनों समुदायों ने चंदा इकट्ठा कर इसकी शुरुआत की थी। हल की मुठिया में हंडा गैस टांगकर कर हल्की रोशनी में भगवान राम के आदर्शों का मंचन शुरू हुआ था। इसमें जुड़े लोग अहम किरदार निभाते रहे। इससे जुड़े लोग रोजी-रोटी के लिए विदेश और अन्य प्रदेशों में है। रामलीला में आज भी उनका सहयोग रहता है। पुरानी परंपरा को निभाते हुए युवा पीढ़ी ने संभाला। जिसमें समिति के संयोजक मुनव्वर अली, प्रबंधक शैलेंद्र पांडे, संरक्षक रणजीत वर्मा, अध्यक्ष डॉ अरविंद पाल, कोषाध्यक्ष के रूप में अवधेश जिम्मेदारी निभा रहे हैं।