रमजान विशेष : लोगों को जीने का सलीका सिखा रहे उलमा
मां-बाप बच्चों की तरबियत में अहम किरदार अदा करते हैं। उन्हें प्यार दें और तोहफे खरीद कर दें, लेकिन सोशल मीडिया के हवाले न करें। बच्चे गलती करें तो उन्हें उनकी गलती का एहसास कराएं। माहे मुबारक रमजान...
मां-बाप बच्चों की तरबियत में अहम किरदार अदा करते हैं। उन्हें प्यार दें और तोहफे खरीद कर दें, लेकिन सोशल मीडिया के हवाले न करें। बच्चे गलती करें तो उन्हें उनकी गलती का एहसास कराएं। माहे मुबारक रमजान पर छोटे इमामबाड़े में महदवी समाज के मरकजे फिकह-व-फकाहत की ओर से आयोजित इस्लामिक क्लासेज में यह बात मौलाना सिराज हुसैन ने कही।
वहीं, मदरसा निजामियां, सरफराजगंज स्थित मुअम्मल हाल समेत शहर में कई स्थानों पर समाजिक जिंदगी और इस्लाम पर दर्से कुरान दिया जा रहा है। महदवी समाज की ओर से रमजान पर शहर के विभिन्न स्थानों पर इस्लामी क्लासेज का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बड़ी संख्या में युवा, महिलाएं और बुजुर्ग इस्लाम, कुरान, हदीस और रोज-मर्रा की जिन्दगी में पेश आने वाली समस्याओं को इस्लामी तरीके से कैसे दूर करें, इसका दर्स हासिल कर रहे हैं।
इस्लामिक क्लासेज को खिताब करते हुए मौलाना सिराज ने कयामत का जिक्र करते हुए कहा कि कयामत अल्लाह की तरफ से इंसानों की तरबियत के लिए अहम पहलू है।
वहीं, इमामबाड़ा तकी साहब अकबरी गेट पर आयोजित दर्स में मौलाना सैफ अब्बास लोगों का समाज में दूसरों के साथ किस तरह से पेश आएं और अपने वालदैन व रिश्तेदारों से कैसे सुलूक रखें। इसकी जानकारी लोगों को दी।
दीन की पाबंदी जिंदगी की कामयाबी: अल मुअम्मल कल्चरल फाउंडेशन की ओर से हरदोई रोड के सरफराजगंज स्थित मुअम्मल हॉल में दीन और जिन्दगी विषय से दस दिवसीय विशेष कक्षाओं का आयोजन जारी है। मौलाना इस्तिफा रजा ने कामयाब जिन्दगी में दीन का किरदार विषय पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि अगर अपने दीन के उसूलों पर पाबंदी से पालन करें तो जिन्दगी कामयाब होगी। वहीं मदरसा नाजमियां में मौलाना हमीदुल हसन ने युवाओं को दर्से कुरान दिया।
हेल्पलाइन
शिया
’ सवाल- अगर कोई रोजदार रोजा रखे और दिन में बीमारी की वजह से दिवाना हो जाए तो रोजा सही होगा?
जवाब- अगर कोई व्यक्ति रोजा रख कर दिवाना हो जाए, तो उसका रोजा सही नहीं होगा।
’ सवाल- अगर किसी व्यक्ति का कुछ पैसा लोगों पर कर्ज है, तो क्या उस पर भी खुम्स वाजिब होगा?
जवाब- खुम्स उस पैसे पर वाजिब है, जो उसके इख्तियार में हो, कर्ज वाले पैसे पर खुम्स वाजिब नहीं है।
’ सवाल- होठों को जुबान के जरिए भिगो के उसकी तरी दुबारा मुंह में ले जाने से क्या रोजा टूट जाएगा?
जवाब- अगर कोई होठों को भिगोता है तो रोजा नहीं टूटेगा।
’ सवाल- कितने सोने पर जकात वाजिब होती है?
जवाब- लगभग 70 ग्राम बिस्किट गिन्नी या सोने के सिक्के हैं तो जकात निकाली जाएगी।
सुन्नी
’ सवाल-रोजे की हालत में इंडोस्कोपी करा सकते हैं?
जवाब- जी हां, करा सकते हैं।
’ सवाल- फित्रा किस पर वाजिब है?
जवाब- जो जकात के निसाब का मालिक हो।
’ सवाल- कितनी दूर के सफर और कितने रोज का कयाम करने पर नमाज में कस्र करना होगा और इस दौरान में रोजा रखना कैसा है?
जवाब- कोई शख्स अपने घर से 77 किमी से ज्यादा का सफर करे और पन्द्रह रोज से कम का कयाम का इरादा हो तो वह नमाज में कस्र करेगा। वह चाहे तो सफर में रोजा रख ले या बाद में इसकी कजा करे।
’ सवाल- रोजे के दौरान क्या एक मां अपने बच्चे को दूध पिला सकती है?
जवाब- जी हां, पिला सकती है।