राजेश की अनसुलझे सवालों के बीच अंतिम विदाई
पुलिस लाइन में दी गई सलामी
पुलिस लाइन में दी गई सलामी
डीजीपी समेत दर्जनों अफसर शामिल हुए शव यात्रा में
लखनऊ। प्रमुख संवाददाता
एटीएस के एएसपी राजेश साहनी का अंतिम संस्कार बुधवार सुबह बैकुंठ धाम में किया गया। उनकी इकलौती बेटी श्रेया ने उन्हें मुखाग्नि दी। बेटी अग्नि देते समय बिलख पड़ी तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखे नम हो गई। पिता को अंतिम विदाई देते समय श्रेया ने उन्हें सैल्यूट किया...।
इससे पहले पुलिस लाइन स्थित उनके सरकारी आवास पर सुबह से ही अफसरों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। पुलिस लाइन में उन्हें सलामी दी गई। फिर उनकी शव यात्रा पुलिस लाइन से निकल कर करीब पौने 12 बजे बैकुंठ धाम पहुंची। इस शव यात्रा में प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार, डीजीपी ओपी सिंह, एडीजी आनन्द कुमार, चन्द्र प्रकाश, राजीव कृष्णा, आईजी सुजीत पाण्डेय, असीम अरुण, डीआईजी लव कुमार, एसएसपी दीपक कुमार समेत कई बड़े अफसर शामिल हुए।
बेटी को हिम्मत बंधाते रहे अफसर
राजेश साहनी के मंगलवार को अपने दफ्तर में गोली मार कर सुसाइड कर लेने की घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया था। उनके दोस्त, सहयोगी और रिश्तेदार को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि हमेशा मुस्कराते रहने वाला यह शख्स कभी ऐसा कदम भी उठा सकता है। उनका व्यवहार ही था जो इतने अधिकारी व मित्र अंतिम यात्रा में पहुंचे थे। बेटी ने जब मुखाग्नि दी तो सबने बाद में उसे हिम्मत बंधायी और बोले कि वह लोग हर समय उसके साथ हैं।
पटना, दिल्ली व मुम्बई से आये रिश्तेदार-मित्र
राजेश साहनी का शालीन व्यवहार उनकी शव यात्रा में दिखा। उनसे जुड़ा हर व्यक्ति जो वहां पहुंच सकता था, वह जरूर आया। उनके पत्रकार जीवन के समय के साथी दिल्ली व मुम्बई से आये। कई दोस्त व रिश्तेदार पटना से उन्हें श्रद्धांजलि देने लखनऊ पहुंचे। एक रिश्तेदार ने बताया कि कुछ लोग फ़्लाइट में टिकट न मिलने पर मंगलवार शाम को ही सड़क मार्ग से चल दिये थे। बैकुंठ धाम पर शायद ही किसी अधिकारी की अंतिम यात्रा में इतनी भीड़ दिखी हो। यह चर्चा वहां मौजूद कई लोग कर रहे थे।
सवाल उठते रहे कि आखिर ऐसा क्यों किया
हादसे के 24 घंटे बाद भी लोग बस यही जानना चाह रहे थे कि इतने मिलनसार राजेश साहनी ने आखिर किस तनाव में इतना बड़ा कदम उठा लिया। बैकुंठ धाम में भी पुलिस अधिकारियों व दोस्तों के बीच यही चर्चा रही। कोई कह रहा था कि छुट्टी पर होने के बावजूद उन्हें आफिस बुला लिया गया था, इसको लेकर वह तनाव में आ गये थे। कोई दूसरी वजह बता रहा था। यह तक कहा गया कि चार दिन पहले पिथौरागढ़ से उठाये गये आईएसआई एजेन्ट रमेश सिंह की गिरफ्तारी और उसके कोर्ट में बयान कराने को लेकर एक अधिकारी से उनका मनमुटाव हो गया था। यह भी तनाव का एक कारण बताया जा रहा था।
परिवार जैसा चाहेगा, वैसा किया जायेगा
इस प्रकरण की कोई अन्य जांच होगी...। इस बारे में अधिकारी खुलकर कुछ नहीं बोल रहे थे। पर, डीजीपी ओपी सिंह ने एटीएस के आईजी असीम अरुण से यह जरूर कहा कि वह शाम को उनके परिवार से मिलकर बात करें। अगर कोई जांच की मांग की जाती है तो उन्हें बताया जाये। डीआईजी प्रवीण त्रिपाठी ने भी कहा कि परिवार के लोग जैसा चाहेंगे, वैसा ही आगे किया जायेगा। कारण अभी साफ नहीं हो पाया है। परिवार थोड़ा सामान्य हो जाये, तो इस बारे में उनसे बात की जायेगी।
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