रायबरेली रेल हादसा: पांच वर्ष के कंधे पर मासूम बहन का बोझ
जिला अस्पताल का आई वार्ड। यहां एक बेड पर एक दस माह की मासूम सोना भर्ती है। उसके बगल में पांच साल का भाई रवि पुत्र चमरू उदास सा बैठा है। यह दोनों मासूम से बच्चे मां सुनीता के साथ न्यू फरक्का...
जिला अस्पताल का आई वार्ड। यहां एक बेड पर एक दस माह की मासूम सोना भर्ती है। उसके बगल में पांच साल का भाई रवि पुत्र चमरू उदास सा बैठा है।
यह दोनों मासूम से बच्चे मां सुनीता के साथ न्यू फरक्का एक्सप्रेस ट्रेन से सफर कर रहे थे। अचानक हुए रेल हादसे में यह दोनों मासूम तो मामूली रूप से घायल हुए पर हादसे ने इन दोनों मासूमों की मां को लील लिया। अस्पताल के बेड पर सोना बेसुध पड़ी है। उसके बगल में रवि उदास सा बैठा है। उसे समझ ही नहीं आ रहा है कि अब क्या करें। अपना नाम बता पाने वाला रवि अपना पता नहीं बता पा रहा है। अनुमान भर है कि यह दोनों बच्चे भी मुंगेर-बिहार के ही है। क्योंकि प्रभावितों में अधिकतर मुंगेर के ही हैं। अस्पताल में इन दोनों मासूमों को देखने वाला हर आदमी द्रवित हो जाता है। आईजी और कमिश्नर की निगाहें भी इन दोनों मासूमों पर ही जाकर टिकीं।
उच्चाधिकारियों ने जिले के जिम्मेदार अफसरों को निर्देश दिए कि इन्हें इनके घर तक पहुचाना सुनिश्चित करें। जब तक इनका पता नहीं चल पा रहा है तब तक इनकी संपूर्ण देखरेख की जाए इसमें कोई कमी नहीं आनी चाहिए।