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संक्रमित डॉक्टर-कर्मी को घर में किया जाए क्वॉरंटीन

लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता संक्रमित डॉक्टर-कर्मी को घर में जाए क्वॉरंटीनसंक्रमित डॉक्टर-कर्मी को घर में जाए क्वॉरंटीनसंक्रमित डॉक्टर-कर्मी को घर में जाए क्वॉरंटीनसंक्रमित डॉक्टर-कर्मी को घर में जाए...

संक्रमित डॉक्टर-कर्मी को घर में किया जाए क्वॉरंटीन
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊTue, 14 Jul 2020 07:11 PM
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लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाताबिना लक्षण वाले मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती के बजाए घर में क्वॉंरंटीन किया जाए। इसके दो फायदे हैं। पहला हॉस्पिटल में गंभीर मरीजों को आसानी से बेड मिल सकेंगे। वहीं बिना लक्षण वाले मरीजों गंभीर होने से भी बचाने में मदद मिलेगी। कुछ ऐसे ही सुक्षाव आर्थोपैडिक्स, नर्सिंग होम और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दिए हैं। बाकायदा स्वास्थ्य विभाग को मांग पत्र भी सौंपा है।लखनऊ में तेजी से कोरोना मरीज बढ़ रहे हैं। अस्पतालों में बेड का संकट खड़ा हो रहा है। नर्सिंग होम एसोसिएशन के पूर्व सचिव डॉ. अनूप अग्रवाल के मुताबिक संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाएं। हाथों की सफाई पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि यदि कोई डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ संक्रमित मिलता है। उसमें कोई लक्षण नहीं है तो उन्हें घर में ही क्वॉरंटीन किया जाए। उनकी निगरानी के लिए एक नोडल डॉक्टर तैनात किया जाए। परेशानी होने पर ही अस्पताल में भर्ती किया जाए। इससे गंभीर मरीजों के लिए अस्पताल में बेड खाली मिलेंगे। संक्रमित डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ को भी सहूलियत होगी। उन्होंने बताया कि बिना लक्षण वालों को गंभीर रोगियों के बीच में भर्ती करने से मुश्किल हो सकती है। उनमें वायरस की संख्या में इजाफा हो सकता है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर मांग भी की है। आईएमए की अध्यक्ष डॉ. रमा श्रीवास्तव के मुताबिक संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से जो लोग वायरस की चपेट में आ रहे हैं उनमें कम लक्षण नजर आ रहे हैं। ऐसी दशा में उन्हें घर पर भी रखा जा सकता है। यदि किसी तरह की मरीज में परेशानी होती है तो उसे अस्पताल में जरूर भर्ती किया जाए। पहले से गंभीर बीमारी से जूझ रहे डॉक्टर-कर्मचारी संक्रमित होते हैं तो उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है।

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