Hindi NewsUttar-pradesh NewsLucknow NewsPower Corporation vs Consumer Council Dispute Over Smart Prepaid Meters Count in Lucknow
नहीं जमा किए गए मीटरों की संख्या पर रार

नहीं जमा किए गए मीटरों की संख्या पर रार

संक्षेप: Lucknow News - लखनऊ, विशेष संवाददाता। स्मार्ट प्रीपेड मीटरों से बदले जा रहे पुराने मीटरों में से 6.22

Wed, 3 Sep 2025 08:23 PMNewswrap हिन्दुस्तान, लखनऊ
share Share
Follow Us on

लखनऊ, विशेष संवाददाता स्मार्ट प्रीपेड मीटरों से बदले जा रहे पुराने मीटरों में से 6.22 लाख अब तक जमा नहीं होने के दावे पर बुधवार को पावर कॉरपोशन और उपभोक्ता परिषद आमने-सामने आ गए। पावर कॉरपोरेशन ने कहा है कि यह संख्या 6.22 लाख नहीं बल्कि ढाई लाख है। वहीं, राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कॉरपोरेशन के ही आंकड़ों की रिपोर्ट जारी कर दी है, जिसमें संख्या 6.22 लाख बताई गई है। इस रिपोर्ट को पावर कॉरपोरेशन चेयरमैन की समीक्षा बैठक के लिए तैयार किया गया था। आरोप भ्रामक और निराधार - पावर कॉरपोरेशन पावर कॉरपोरेशन ने कहा है कि संगठनों की तरफ से लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं।

LiveHindustan को अपना पसंदीदा Google न्यूज़ सोर्स बनाएं – यहां क्लिक करें।

6.22 लाख नहीं केवल ढाई लाख ही मीटर जमा होने से रह गए हैं। संगठनों द्वारा जताई गई यह आशंका भी निराधार है कि मीटर न जमा करने से मीटर की पुरानी रीडिंग प्राप्त नहीं होगी, जिससे कंपनी को बड़ी आर्थिक क्षति पहुंचेगी। स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग को प्रभावित करने की नीयत से फैलाया जा रहा है। लगभग 37 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं, जिनमें से 10.55 लाख मीटर प्रीपेड मोड में काम कर रहे हैं। पुराने मीटर के सारे डेटा पोर्टल पर सुरक्षित रहते हैं। 1.15 लाख करोड़ रुपये का बकाया डूब जाने की आशंका भी निराधार है। यह आंकड़ा पूरे प्रदेश के उपभोक्ताओं के बकाये का है न कि 37 लाख का। अगर यह मान भी लिया जाए कि किसी स्थिति में उतारे गए मीटर की रीडिंग प्राप्त न हो तो भी इस पुराने बकाया एरियर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हर उपभोक्ता का पूरा विवरण उसका एरियर, पुराने मीटर की रीडिंग आदि बिलिंग सिस्टम पर हमेशा सुरक्षित रहती है। डिस्प्ले गायब करने के आरोप भी सत्य नहीं हैं। प्रदेश भर में दो लाख चेक मीटर स्थापित किए गए हैं और उनके मिलान के बाद कहीं कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। आंकड़े कॉरपोरेशन के, दबाव में बयान - उपभोक्ता परिषद राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कहा है कि 6.22 लाख का आंकड़ा पावर कॉरपोरेशन का ही है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि दो सितंबर की समीक्षा बैठक के लिए पावर कॉरपोरेशन ने जो आंकड़े तैयार किए थे, उसमें नहीं जमा किए गए मीटरों की संख्या 6,22,568 दर्ज है। पुराने मीटरों में रीडिंग गायब होने की बात तो गोंडा के मुख्य अभियंता ने ही अपनी बैठक के कार्यवृत्त में लिखी है। मीटर रीडिंग शून्य भरी जा रही है और 80% मीटर में कवर सीलिंग टूटी हुई है। उसी कार्यवृत्त में लिखा गया है कि कई मीटर की डिस्प्ले यूनिट को लेजर या अन्य माध्यम से क्षतिग्रस्त किया गया है। इस कार्रवाई से विभाग के काफी राजस्व हानि की आशंका है। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि जो चेक मीटर लगाए गए हैं, अगर उनका मिलान किया गया है तो रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। केंद्र सरकार ने तो हर महीने की रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे।