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निजीकरण का फैसला वापस होने तक कार्यबहिष्कार जारी रहेगा

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निजीकरण का फैसला वापस होने तक कार्यबहिष्कार जारी रहेगा
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊThu, 29 Mar 2018 06:52 PM
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- अभियंता संघ ने लिया फैसला, प्रमुख सचिव ऊर्जा से मुलाकात बेनतीजाराज्य मुख्यालय-प्रमुख संवाददातानिजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं का कार्यबहिष्कार फैसला वापस होने तक जारी रहेगा। प्रमुख सचिव ऊर्जा से कर्मचारियों-अभियंताओं की बैठक बेनतीजा रही। गुरुवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र के प्रतिनिधियों और प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार के बीच शक्ति भवन में हुई वार्ता बेनतीजा रही। वार्ता के बाद संघर्ष समिति ने प्रबन्धन को स्पष्ट बता दिया कि बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं का आन्दोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार निजीकरण का निर्णय वापस नहीं लेती।वार्ता के दौरान संघर्ष समिति ने कहा कि विद्युत वितरण के निजीकरण और फ्रेन्चाईजी का प्रयोग पूरे देश में विफल हो चुका है। उदाहरण देते हुए संघर्ष समिति ने कहा कि उड़ीसा में निजी कम्पनियों की अक्षमता के चलते उनके लाइसेन्स नियामक आयोग रद्द कर चुका है। इसी प्रकार औरंगाबाद, जलगांव, भागलपुर, उज्जैन, ग्वालियर और सागर के अर्बन डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेन्चाईजी के करार फ्रेन्चाईजी की विफलता के कारण नियामक आयोग रद्द कर चुका है। समिति ने कहा कि आगरा में भी बड़ा घोटाला चल रहा है जिसकी उच्चस्तरीय जांच होना जरूरी है। ऐसे में आगरा फ्रेन्चाईजी का हवाला देकर पांच अन्य शहरों व सात जिलों का निजीकरण करना और बड़े घोटाले को जन्म देगा।संघर्ष समिति ने कहा कि प्रदेश में बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए गुजरात माडल और पटियाला माडल को आधार बनाने के सुझाव दिए गए थे। सरकार को निजीकरण के फैसले को वापस लेना चाहिए और गुजरात व पटियाला माडल के आधार पर कार्य योजना तैयार करनी चाहिए। गुजरात व पटियाला में लाइन हानियां 12 प्रतिशत से कम हैं और दोनों ही जगहों पर सरकारी क्षेत्र की कम्पनियां काम करती हैं। प्रमुख सचिव ऊर्जा के साथ प्रबन्ध निदेशक अपर्णा यू और निदेशक कार्मिक एसपी पाण्डेय भी मीटिंग में मौजूद रहे। वहीं संघर्ष समिति की ओर से शैलेन्द्र दुबे, राजीव सिंह, गिरीश पाण्डेय, महेन्द्र राय, मो इलियास, करतार प्रसाद, पीएन तिवारी, परशुराम, पीएन राय, आर एस वर्मा शामिल हुए।

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