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महिला एजेंट ने डाकघर में सेविंग खाते का झांसा देकर उड़ाए 23 लाख

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महिला एजेंट ने डाकघर में सेविंग खाते का झांसा देकर उड़ाए 23 लाख
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊFri, 13 Jul 2018 07:18 PM
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डाकघर करायेगा फर्जी पासबुक पर लगे ‘स्टैम्प की जांच

डाकघर में महिला प्रधान क्षेत्रीय बचत योजना(एमपीकेबीवाई) खाता खुलवाने के नाम पर हुए घोटाले में शुक्रवार तीन डाकघर कर्मियों पर गाज गिरी। इसमें डालीगंज डाकघर पोस्टमास्टर, बाबू और मल्टी टास्किंग स्टाफ शामिल हैं, जिनको सस्पेंड कर दिया गया है। डाकघर अधिकारियों ने बचत खाते के नाम पर खाताधारकों के पास मिली फर्जी पासबुक देखते हुए यह निर्णय लिया। मामले में जिला लघु बचत अधिकारी की ओर से नियुक्त एक महिला एजेंट भी शामिल हैं, जिसकी तलाश जारी है।

प्रवर अधीक्षक लखनऊ डाक मंडल शशि कुमार उत्तम ने बताया कि अभी तक कुल नौ ऐसे खाताधारक मिले हैं, जिनकी पासबुक फर्जी है। यह सभी खाते एमपीकेबीवाई और एसएस(स्मॉल सेविंग) स्कीम से जुड़े हैं। धीरे-धीरे खाताधारक अपनी पासबुक लेकर आ रहे हैं। अभी तक कुल 23 लाख रुपये का घोटाला सामने आया है।

प्राथमिक जांच में पासबुक पर डाकघर की स्टैम्प लगी पाई गई। इसको ध्यान रखते हुए पोस्टमास्टर आरके वर्मा, बाबू मो. असगरी और मल्टी टास्किंग स्टाफ गौरव गुप्ता को सस्पेंड कर दिया गया। विभाग स्टैम्प की जांच करायेगा, इसके बाद ही डाकघर कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। शशि कुमार उत्तम ने बताया कि अगर डाकघर के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आती है तो खाताधारकों को डाकघर पूरा पैसा वापस करेगा। फिलहाल, इस मामले में डालीगंज थाने में महिला एजेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

क्या था मामला?

डाकघर में करीब डेढ़ महीने पहले एक खाताधारक ने अपनी पासबुक जमा की, जिसमें एक लाख रुपये खाते में होने की बात सामने आई। डाक अधिकारियों ने जब पासबुक की जांच की तो पासबुक की इंट्री कम्प्यूटर से लेकर रिकार्ड रूम तक नहीं मिली। इसके बाद मामला संज्ञान में आया। डाक अधिकारियों ने इसके बाद डालीगंज डाकघर खाताधारकों को चिट्ठी भेजना शुरू की, जिसमें सभी को अपनी पासबुक की जांच कराने की सलाह दी।

महिला एजेंट ने लगाया लाखों का चूना

डाकघर खाते खुलवाने के लिए एजेंट नहीं रखता है। योजनाओं के लिए एजेंट जिलाधिकारी स्तर पर रखे जाते हैं और खाते खोले जाते हैं। इनको डाकघर से जोड़ा जाता है। फिलहाल, ये दोनों ही प्रकार के खातों के लिए लखनऊ में जिला लघु बचत अधिकारी की ओर से एजेंट ममता वर्मा को नियुक्त किया गया था। जिन्होंने फर्जी पासबुक देकर लोगों के खाते ही नहीं खोले और उनसे पैसा हड़प लिया। विभागीय अधिकारियों की मानें तो इस मामले में ममता वर्मा के पति भी शामिल हैं।

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