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पॉलीटेक्निक : आखिर कब तैयार होगा बुक बैंक

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पॉलीटेक्निक : आखिर कब तैयार होगा बुक बैंक
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊTue, 11 Sep 2018 07:06 PM
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पॉलीटेक्निक में छात्रों को मिलने वाली बुक बैंक की सुविधा अभी तक अधूरी लटकी है। नए सत्र की पढ़ाई शुरू हो गई है और अभी तक संस्थानों में बुक बैंक ही तैयार नहीं हो पाया है। डिप्लोमा करने वाले छात्रों को बाहर से किताबें खरीद कर पढ़ाई करनी पड़ रही है।

पॉलीटेक्निक में गरीब छात्रों को पढ़ाई में मदद करने के लिए बुक बैंक तैयार किया जाना था। इसमें लाइब्रेरी के अतिरिक्त एक और बुक सेल तैयार होनी थी, जिसका फायदा छात्रों मिलना था। लेकिन, प्रधानाचार्यों की लापरवाही के चलते छात्रों को अभी तक यह सुविधा मुहैया नहीं हो रही है। दरअसल, बुक बैंक के लिए प्रधानाचार्यों को अपने पीएलए(छात्रनिधि) से किताबें खरीदनी थी।

बुक बैंक की सुविधा

बुक बैंक की स्थापना संस्थाओं में अलग से होनी है। इसमें प्रथम वर्ष के छात्रों को पहले चरण में फायदा दिया जाना है। गरीब छात्रों को महंगी महंगी किताबें बाहर से न खरीदनी पड़े, इसके लिए उन्हें बुक बैंक से किताबें लेकर सेमेस्टर समाप्ति पर उन्हें जमा करना होगा। इसके लिए छात्रों से किताबों की सिक्योरिटी के तौर कुछ पैसा जमा भी कराया जाएगा। जोकि किताबें पास लौटाने पर मिलेगा।

जीपीएल में ही नहीं तैयार बुक बैंक

राजकीय पॉलीटेक्निक लखनऊ(जीपीएल) में ही अभी तक इसकी तैयारी पूरी नहीं हो पाई है। यहां अभी लाइब्रेरी ही ठीक तरह से संचालित नहीं है। जीपीएल छात्रों की मानें तो उन्हें अभी तक कक्षाओं में बुक बैंक के बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी गई है। वहीं लाइब्रेरी पर अक्सर ताला लटका रहता है।

प्रदेश भर में मिलनी है सुविधा

सचिव उप्र शासन भुवनेश कुमार ने बुक बैंक की स्थापना के लिए आदेश जारी किया था। सत्र शुरू होने के करीब तीन महीने पहले से इसकी तैयारी की जानी थी, लेकिन प्रधानाचार्यों की लापरवाही के चलते इसको शुरू नहीं किया जा सका है। फिलहाल, बुक बैंक की स्थापना राजकीय संस्थानों के साथ अनुदानित और निजी संस्थानों में भी होगी। राजकीय संस्थानों के मुकाबले राजधानी में हीवेट और एलपीएल पॉलीटेक्निक में इसकी शुरुआत हो चुकी है।

खानापूर्ति कर रहे संस्थान

एक-एक लाख की किताबें ही संस्थानों ने खरीदी हैं। जबकि पीएलए में पड़े करोड़ों रुपये का इस्तेमाल कर बुक बैंक को प्रभावी बनाया जाना था। बावजूद इसके संस्थान किताबें खरीदने में कोताही कर रहे हैं।

-कोट-

बुक बैंक की स्थापना के लिए संस्थानों को बार-बार पत्राचार कर सूचित किया जा रहा है। सभी कॉलेजों में बुक बैंक को स्थापित करना है। कुछ समस्याएं आ रही है, जल्द दूर होंगी और छात्राओं को बुक बैंक का फायदा मिलेगा।

कन्हैया राम, संयुक्त निदेशक, प्राविधिक शिक्षा(मध्य क्षेत्र)।

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