आईटीआई छात्रों को उद्योगों में ट्रेनिंग का मिलेगा अधिक मौका
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आईटीआई में सेमेस्टर प्रणाली नये सत्र से खत्म होने जा रही है। इससे छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई है। सेमेस्टर प्रणाली हटने से छात्रों को अब ट्रेनिंग के लिए ज्यादा समय मिलेगा। नये सत्र से प्रवेश पाने वाले छात्र दो वार्षिक परीक्षाओं से गुजरेंगे। वहीं, पूरक परीक्षाएं जनवरी से फरवरी के बीच होंगी।
डीजीटी(प्रशिक्षण निदेशालय) ने नये सत्र से पांच साल पुरानी सेमेस्टर प्रणाली को आईटीआई से हटा दिया है। अब छात्रों को वर्ष में एक ही बार परीक्षा में बैठना होगा। इसके साथ ही डीजीटी ने अंकों को लेकर भी बदलाव कर दिये हैं। नये सत्र से छात्रों के सेशनल और प्रैक्टिकल 400 अंक एवं लिखित परीक्षा 300 अंक ही होगी। डीजीटी के फैसले का अधिकांश छात्रों ने स्वागत किया, लेकिन कुछ छात्रों ने इसको लेकर नाराजगी भी जाहिर की।
क्या कहते हैं छात्र
यह बहुत अच्छा कदम है। इससे आने वाले छात्रों को इंडस्ट्री ट्रेनिंग के लिए समय मिलेगा।
- शिल्पी चौरसिया
सेमेस्टर और परीक्षाओं के चलते ट्रेनिंग प्रभावित होती है। लेकिन, अब 9 महीने की पूरी ट्रेनिंग में छात्र शामिल हो सकेंगे। इसका फायदा मिलेगा।
- आदित्य जायसवाल
सेमेस्टर सिस्टम में फायदा था। कोर्स को आधा-आधा करके पढ़ना होता था। अब मुश्किल बढ़ेगी।
- पिंकी पाल
इम्प्लायबिलिटी स्किल का पेपर एक बार होने से छात्रों पर आने वाला अतिरिक्त लोड हटेगा।
- दीपक कुमार शर्मा
डीजीटी ने प्रैक्टिकल पर ज्यादा ध्यान दिया है। परीक्षाओं को पास करने के लिए भी पांच मौके दिये हैं, जिससे प्रैक्टिकल पर फोकस रहेगा।
- सुनील गुप्ता
बाक्स
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ट्रेनिंग के लिए मिलेगा पर्याप्त समय
डीजीटी ने यह फैसला सार्टिफिकेट पाने वाले छात्रों को ट्रेनिंग प्रशिक्षण में और कुशल कारीगर बनाने को लेकर लिया है। दरअसल, अभी तक सेमेस्टर प्रणाली के चलते छात्र परीक्षाओं में ही जुझे रहते थे और उद्योगों में कम समय बिता पा रहे थे। लेकिन, अब दो वर्षीय पाठ्यक्रम से जुड़े छात्रों को 9 महीने और एक वर्षीय पाठ्यक्रम से जुड़े छात्रों को पांच महीने की ट्रेनिंग कराया जाना अनिवार्य होगा।
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इम्प्लायबिलिटी स्किल का एक ही पेपर
आईटीआई छात्रों को ट्रेनिंग के साथ कम्प्यूटर, मैनेजमेंट और साक्षात्कार जैसे गुर भी सिखाये जाते हैं। इसके लिए एक इम्प्लायबिलिटी स्किल की परीक्षा कराई जाती है। अभी तक यह परीक्षा दो बार देनी पड़ती थी, लेकिन नये सत्र से इसे पहले ही वर्ष देना होगा। जिससे अगले वर्ष कुल 700 अंकों की होने वाली परीक्षा 650 नंबर की रह जायेगी।
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वर्जन
सेमेस्टर प्रणाली में छात्रों को प्रैक्टिकल और लिखित परीक्षाओं के साथ अन्य परीक्षाएं भी होती रहती थीं। इसे लेकर विभाग में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। छात्रों को ट्रेनिंग का भरपूर मौका मिलेगा। यकीनन फायदा पहुंचेगा।
- एससी तिवारी, जेडी, आईटीआई।