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दबिश के लिए दंगारोधी उपकरणों से लैस होकर जाएगी पुलिस

पुलिसबलों पर हमले की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए डीजीपी एचसी अवस्थी ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें थानाध्यक्ष की यह जिम्मेदारी तय की गई है कि जब भी उनके अधीनस्थ कानून-व्यवस्था की किसी स्थिति से...

दबिश के लिए दंगारोधी उपकरणों से लैस होकर जाएगी पुलिस
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊThu, 11 Jun 2020 04:56 PM
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---पुलिस पर हमले की घटनाओं को देखते हुए डीजीपी ने दी हिदायत प्रमुख संवाददाता-राज्य मुख्यालय पुलिसबलों पर हमले की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए डीजीपी एचसी अवस्थी ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें थानाध्यक्ष की यह जिम्मेदारी तय की गई है कि जब भी उनके अधीनस्थ कानून-व्यवस्था की किसी स्थिति से निपटने या किसी अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जाएं तो वे दंगारोधी उपकरणों से लैस होकर ही जाएं। डीजीपी ने कहा है कि यदि दंगारोधी उपकरणों का उपयोग न करने के कारण कोई पुलिसकर्मी घायल होता है तो संबंधित थानाध्यक्ष के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह सलाह दी है कि जिन स्थानों पर पूर्व में पुलिस बल पर हमले की घटनाएं हुई हैं वहां पर्याप्त पुलिस बल के साथ जाएं। उन्होंने पुलिस पर हमलों के शेष वांछित अभियुक्तों की तत्परता से गिरफ्तारी करने तथा लंबित विवेचनाओं का गुणदोष के आधार पर पुष्टिपरक साक्ष्य एकत्र कर समयबद्ध निस्तारण करने का निर्देश भी दिया है। उन्होंने पुलिस कर्मियों को सतर्कता बनाए रखने, निष्पक्ष ढंग से कानून सम्मत कार्य करने एवं उत्तम आचरण बनाए रखने की कड़ी हिदायत भी दी है। यह भी कहा है कि यदि किसी पुलिस कर्मी के द्वारा ऐसा कोई कृत्य किया गया है जो असंवैधानिक, अनैतिक अथवा गैर कानूनी है तो वरिष्ठ अधिकारियों का दायित्व होगा कि ऐसे पुलिस कर्मियों को चिह्नित करते हुए कानूनी कार्रवाई करें जिससे उत्पन्न होने वाले जनाक्रोश को नियंत्रित किया जा सके। पुलिस को आइना भी दिखाया डीजीपी ने अपने पत्र में पुलिस कर्मियों को आइना भी दिखाया है। उन्होंने कहा है कि कई बार पुलिस पर हमले की घटनाएं अपराधी तत्वों द्वारा अपने बचाव स्वरूप अंजाम दी जाती हैं लेकिन कभी-कभी हत्या, अपहरण, बलात्कार एवं सड़क दुर्घटना आदि के मामलों में सामयिक, निष्पक्ष एवं त्वरित कार्रवाई पुलिस के द्वारा न किए जाने के कारण भी होती हैं। इसी तरह गुंडों व असामाजिक तत्वों के विरुद्ध सामयिक एवं सख्त कार्रवाई न करने के कारण एवं उनका मनोबल बढ़े होने के कारण भी पुलिस पर हमले की घटनाएं होती हैं।

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