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जनप्रतिनिधि की पुलिसिया प्रताड़ना की कहानी हुई उजागर

दीपावली पर सिपाहियों की जनप्रतिनिधि (बीडीसी) के साथ बदसलूकी और धन उगाही की जो कहानी चर्चाएं आम हुई उससे पुलिस की छवि धूमिल हुई। मामला एमएलसी की चौखट तक जब जा पहुंचा तो पुलिस ने जांच की बात कह पर्दा...

 जनप्रतिनिधि की पुलिसिया प्रताड़ना की कहानी हुई उजागर
हिन्दुस्तान टीम,अमेठी। Fri, 09 Nov 2018 05:50 PM
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दीपावली पर सिपाहियों की जनप्रतिनिधि (बीडीसी) के साथ बदसलूकी और धन उगाही की जो कहानी चर्चाएं आम हुई उससे पुलिस की छवि धूमिल हुई। मामला एमएलसी की चौखट तक जब जा पहुंचा तो पुलिस ने जांच की बात कह पर्दा डालने की कोशिश शुरू कर दी।
जो कहानी लोगों की जुबान पर चर्चा ए आम हुई उसके मुताबिक दीपावली की दोपहर एक बाइक पर सवार दो सिपाही एक बीडीसी के राइस मिल पर पहुंचे। सिपाही खुद को एसटीएफ का कर्मी बताते हुए बीडीसी को बाइक पर बैठाकर निर्माणाधीन फोर लेन की ओर ले गए। वहां बीडीसी पर नशे के कारोबार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए उसके साथ मारपीट की और दबाव बनाकर धनउगाही भी की। चर्चा है कि धन उगाही के बाद ही बीडीसी पुलिस के चंगुल से मुक्त हुआ। पुलिसिया प्रताड़ना से डरा सहमा बीडीसी जब एमएलसी दीपक सिंह के पास पहुंचकर अपनी पीड़ा सुनाई तो कहानी आम जन मानस के संज्ञान में भी आ गयी। प्रकरण पर एमएलसी ने कड़ा रुख अख्तियार किया तो पुलिस बैक फुट पर आ गयी। एमएलसी दीपक सिंह ने बताया कि पुलिस के अधिकारियों से मामले की जांच कर दोषी कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाई के लिए कहा गया है। 
एसओ विश्वनाथ यादव ने बताया कि पीड़ित ने कोई शिकायत नहीं की है। मामला संज्ञान में आया है। पूरे प्रकरण की खुद उनके द्वारा गहनता से जांच की जा रही है। अगर उनके थाने के सिपाही की संलप्तिता पाई जाती है तो आवश्यक कार्यवाई की जायेगी। 
एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि मामले की जांच सीओ मुसाफिरखाना से कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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