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पद्मश्री केपी सक्सेना जयंती विशेष : जब अटल बिहारी के लिए लिखे थे नाटक 

लेखक, व्यंग्यकार, कवि के साथ बहुमुखी प्रतिभा के धनी पद्मश्री केपी सक्सेना के दशकों पहले लिखे नाटक आज भी सार्थक नजर आते थे। वो व्यंग्य करने में माहिर थे। एकांकी नाटकों से शुरुआत करने वाले केपी सक्सेना...

पद्मश्री केपी सक्सेना जयंती विशेष : जब अटल बिहारी के लिए लिखे थे नाटक 
मो. फाजिल, लखनऊ Sat, 13 Apr 2019 11:34 AM
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लेखक, व्यंग्यकार, कवि के साथ बहुमुखी प्रतिभा के धनी पद्मश्री केपी सक्सेना के दशकों पहले लिखे नाटक आज भी सार्थक नजर आते थे। वो व्यंग्य करने में माहिर थे। एकांकी नाटकों से शुरुआत करने वाले केपी सक्सेना के लिखे नाटक आज भी मंचित होते है। 

 उन्होंने रेडियो के लिए करीब दो सौ नाटक लिखे उनके कई नाटक तो नेशनल लेवल पर प्रसारित हुए।  2000 में उनको पदमश्री सम्मान से नवाजा गया। उनकी प्रमुख कृतियों में नया गिरगिट, कोई पत्थर से, मूंछ-मूंछ की बात, रहिमन की रेलयात्रा, लखनवी ढंग से, बाप रे बाप, गज फुट इंच, हड़प्पा, ताजमहल 2016 आदि  शामिल है। 

अटल की पब्लिसिटी के लिखे नाटक : वो असल में लखनऊ की शान थे। उनसे जुड़ी कई बातें आज भी हमें उनके होने का एहसास दिलाती है। फिल्म अभिनेता डॉ. अनिल रस्तोगी बताते है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की पब्लिसिटी के लिए लालजी टंडन चाहते थे कि कुछ अच्छे नाटक लिखे जाए। जिसके लिए केपी सक्सेना से उनकी मुलाकात हुई उसके बाद उन्होंने अटल जी के लिए कई नाटक लिखे जिसको रंगकर्मी उर्मिल थपलियाल ने डायरेक्ट किया जबकि रंगकर्मी विजय ने अपनी मंडली के साथ पेश किया था। 

ह्यूमर के साथ रुलाती थी उनकी कविताएं : केपी सक्सेना की कविताएं शुरू में तो लोगों को खूब हंसाती थी मगर अंत में वो अंदर तक लोगों को झकझोर कर रख देती थी। उनके लिखे नाटक ताजमहल 2016 में जहां भ्रष्टाचार नजर आता था वहीं एक वैज्ञानिक प्ले में उनकी सोच दिखती थी इसके अलावा उनका नाटक गज फुट इंज पूरे देश में अब तक मंचित हो चुका है। हरिशंकर परसाई व शरद जोशी के बाद अगर किसी व्यंग्यकार का नाम लिया जाता है तो वो केपी सक्सेना का है।

जब आशुतोष गोवारिकर को आना पड़ा लखनऊ
पदमश्री केपी सक्सेना को जोधा अकबर के डायलॉग लिखने के लिए डायरेक्टर आशुतोष गोवरिकर ने फोन कर मुंबई आने को कहा मगर केपी सक्सेना ने उनको जवाब देते हुए कहा कि मैं नहीं आपको लखनऊ आना पड़ेगा। इसके बाद आशुतोष खुद लखनऊ आए और उन्होंने जोधा अकबर के डायलॉग लिखने को कहा।

डॉ. अनिल रस्तोगी बताते है कि उसके बाद केपी सक्सेना ने मुझे फोन किया और कहा कि बहुत ही चैलेजिंग काम मिला है जोधा अकबर के डायलॉग लिखना जिसमें शर्त यह है कि अकबर का किरदार निभा रहे ऋतिक के डायलॉग उर्दू में हो और जोधा का किरदार निभा रही ऐश्वर्या राय के डायलॉग हिंदी में हो मगर यह दोनों ही डायलॉग आप जनता या दर्शक की समझ में असानी से आ जाएं। तब मैंने उनसे कहा कि आप यह चैलेंज लिजिए अगर आप नहीं कर पाएंगे तो कोई और कर भी नहीं सकता।  अमिताभ बच्चन ने उनके लिखे डायलॉग की तारीफ की। 

 

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