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यूपी में धान की रिकार्ड सरकारी खरीद

विशेष संवाददाता राज्य मुख्यालय

यूपी में  धान की रिकार्ड सरकारी खरीद
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊThu, 28 Feb 2019 07:30 PM
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धान की सरकारी खरीद खत्म, बीते साल की खरीद का आंकड़ा पीछे छोड़ा

विशेष संवाददाता राज्य मुख्यालय

धान की सरकारी खरीद गुरुवार को खत्म हो गई। चुनावी साल में प्रदेश में धान की रिकार्ड सरकारी खरीद हुई। प्रदेश सरकार ने 50 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य के मुकाबले 48 लाख मीट्रिक टन से अधिक की खरीद की। मौजूदा खरीद ने बीते साल हुई सरकारी खरीद का रिकार्ड भी तोड़ दिया। बीते साल 42 लाख 90 हजार मीट्रिक टन खरीद हुई थी।

खाद्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सरकारी खरीद का आंकड़ा 48 लाख 12 हजार मीट्रिक टन पर पहुंच गया है जबकि आखिरी दिन की खरीद के अंतिम आंकड़े अभी आने बाकी है। विभागीय पोर्टल रात 12 बजे तक खुलेगा।

प्रदेश सरकार ने धान की सरकारी खरीद का लक्ष्य इस बार 50 लाख मीट्रिक टन रखा गया था। इस बड़े लक्ष्य को पूरा करने के लिए खाद्य विभाग और अन्य सरकारी एजेन्सियों के प्रदेश में 3 हजार खरीद केन्द्र खोले गए हैं। 1 अक्टूबर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी मण्डल तथा लखनऊ मण्डल के सीतापुर व लखीमपुर खीरी जिलों में धान खरीद शुरू हुई जबकि इन 31 जिलों को छोड़ कर शेष जगहों पर 1 नवम्बर से प्रारम्भ हुई।

प्रारम्भ में नहीं हुई थी खरीद

प्रदेश में इस बार धान की सरकारी खरीद अच्छी होने की संभावना पहले से थी। कारण-केन्द्र सरकार ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 200 रुपया प्रति कुन्तल इजाफा किया था। जिसके कारण माना जा रहा था कि किसान ज्यादा से ज्यादा सरकारी खरीद केन्द्रों की ओर रूख करेंगे।

लेकिन लगातार दो साल रिकार्ड खरीद के बाद इस बार प्रदेश में धान की सरकारी खरीद प्रारम्भ में रफ्तार नहीं पकड़ पा सकी। अक्टूबर-नवम्बर के सरकारी खरीद के आंकड़े बीते साल इस अवधि में हुई खरीद से काफी पीछे चल रहे थे। खरीद के रफ्तार न पकड़ पाने का एक बड़ा कारण फर्जी खरीद रोकने के लिए खरीद नीति में किये गए बंदोबस्त को भी माना गया।

बाद में, प्रदेश सरकार ने लचीला रूख अपनाते हुए खरीद नीति के कड़े प्राविधानों में छूट दी। राइस मिलर्स को भी छूट दी गई जिसके बाद धान खरीद ने रफ्तार पकड़ी।

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