सुलतानपुर: किसानों के धान की फसल पर संकट
धान की तैयार फसल पानी के अभाव में बर्बाद होती नजर आ रही है। किसान हर काम छोड़कर धान की फसल की सिंचाई करने के लिए परेशान है। बिजली कटौती व अन्य समस्याओं के कारण नलकूप से सिंचाई नहीं हो पा रही है। नहरों...
धान की तैयार फसल पानी के अभाव में बर्बाद होती नजर आ रही है। किसान हर काम छोड़कर धान की फसल की सिंचाई करने के लिए परेशान है। बिजली कटौती व अन्य समस्याओं के कारण नलकूप से सिंचाई नहीं हो पा रही है। नहरों में टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा है। किसानों की मुस्कान गायब है।
जिले में किसानों ने 97094 हेक्टेयर में धान की रोपाई की है। अगस्त व सितम्बर माह में अच्छी बारिश होने से किसानों की धान की फसल काफी ठीक है लेकिन दो सप्ताह से मौसम एकाएक बदलने के कारण धान की फसल के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है। धान की फसलों में बालियां आने लगी है। 20 प्रतिशत किसानों के खेत में धान की बालिया लटक गई हैं। धान की फसल को आखिरी समय में पानी की आवश्यकता बढ़ गई है।
किसान प्राइवेट नलकूप के भरोसे सिंचाई करने को मजबूर है। सरकारी नलकूप ज्यादातर बंद पड़े हैं। नहरों में टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा है।
सबसे अधिक खराब स्थित कुड़वार, बल्दीराय, कन्हींपुर, भदैयां, व अन्य क्षेत्रों की है। इन क्षेत्रों में सिचाई के संसाधनों की कमी के कारण किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे है। डीजल से संचालित इंजन से सिंचाई करने के लिए किसानों को कर्ज लेना पड़ रहा है। किसान रामसेवक, रामबरन, सीताराम, संतोष आदि ने बताया कि मौसम इसी तरह रहा तो धान की फसल को बचाना कठिन होगा।