पॉवर कारपोरेशन पर चीनी मिलों का बकाया 550 करोड़ के पार
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राज्य मुख्यालय-प्रमुख संवाददाता
पॉवर कारपोरेशन चीनी मिलों से बिजली तो खरीद रहा है लेकिन समय पर भुगतान नहीं कर पा रहा। इसके चलते चीनी मिलों का बकाया बढ़ कर 550 करोड़ रुपये के पास पहुंच गया है। भुगतान न होने के चलते मिलों के सामने वित्तीय संकट खड़ा हो गया है और इस कारण गन्ना किसानों के बकाए भी प्रभावित हो रहे हैं।
प्रदेश की 20 चीनी मिल से पॉवर कारपोरेशन बिजली की खरीद कर रहा है। तय शर्तों के अनुसार मिलों को 30 से 60 दिनों के अंदर भुगतान करना होता है। यदि ऐसा नहीं हो पाता तो दो प्रतिशत की छूट पॉवर कारपोरेशन को नहीं मिलती और यह धनराशि भी बकाए में जुड़ जाती है। पॉवर कारपोरेशन ने मार्च-अप्रैल 2017 में बकाये की धनराशि 700 करोड़ से अधिक हो जाने के बाद आंशिक भुगतान शुरू कराया हालांकि यह प्रक्रिया बहुत धीमी है। अक्टूबर तक हालात थोड़े सामान्य होने लगे और बकाया लगभग 450 करोड़ के आसपास तक आ गया। इसके बाद भुगतान फिर सुस्त हो गई और 550 करोड़ के पास पहुंच गया।
चीनी मिलों ने शासन से गुहार लगाई है कि भुगतान जल्द करा दिया जाए तो किसानों के 5000 करोड़ के बकाए को जल्दी चुकाया जा सकेगा। मिलों का पैसा देर से मिलने के चलते किसानों को नुकसान हो रहा है।
इस मामले में प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार का कहना है कि चीनी मिलों का नियमित अंतराल पर भुगतान किया जा रहा है। कारपोरेशन के पास भी बजट की कमी है।