ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश लखनऊअधर में लटका करोड़ों की लागत से निर्माणाधीन ओवरहेड टैंक

अधर में लटका करोड़ों की लागत से निर्माणाधीन ओवरहेड टैंक

ग्रामीण क्षेत्र में निवासियों को शुद्ध मीठा पेयजल आपूर्ति के लिए शुरू किया गया कार्य धनाभाव के चलते अधर में लटका है। शहरों की तर्ज पर ग्रामीणों को टोटी वाले नल से जलापूर्ति अभी तक धरातल पर नहीं उतर...

अधर में लटका करोड़ों की लागत से निर्माणाधीन ओवरहेड टैंक
हिन्दुस्तान संवाद,कटेहरी (अम्बेडकरनगर)Mon, 05 Mar 2018 06:03 PM
ऐप पर पढ़ें

ग्रामीण क्षेत्र में निवासियों को शुद्ध मीठा पेयजल आपूर्ति के लिए शुरू किया गया कार्य धनाभाव के चलते अधर में लटका है। शहरों की तर्ज पर ग्रामीणों को टोटी वाले नल से जलापूर्ति अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई है।
जी हां! बात हो रही है विकास खंड कटेहरी मुख्यालय की ग्रामसभा प्रतापपुर चमुर्खा में करोड़ों की लागत से निर्माणाधीन ओवरहेड टैंक की। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के तहत वर्ष 2014-15 में ग्राम पंचायत प्रतापपुर चमुर्खा का चयन किया गया था। तत्समय चार करोड़ 80 लाख 43 हजार की लागत से बनाई जाने वाली पानी की टंकी से ग्राम पंचायत के कुल 23 मजरों को नल की टोटी से शुद्ध पेयजल घर-घर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था। सम्पूर्ण योजना के क्रियान्वयन एवं निर्माण की जिम्मेदारी जल निगम को सौंपी गई थी। इसके चलते शासन ने दो किश्तों में लगभग ढाई करोड़ रुपए आवंटित भी कर दिया था। ओवरहेड टैंक का निर्माण मदनगढ़ गांव से वर्ष 2014 से शुरू हो गया था। दो किश्तों की सहायता से 700 किलो लीटर क्षमता वाला टैंक अलग-अलग स्थानों पर तीन बड़े नलकूप के साथ ओवरहेड टैंक की चहारदीवारी का निर्माण हो चुका है। इसके अलावा प्रतापपुर चमुर्खा के मजरे मदनगढ़, सेमरा घाट, बनकठवा, चमुर्खा, मड़ियवा तथा लखैचनपुर समेत कई गांवों में पाइप लाइन भी बिछा दी गई है। अभी भी ग्राम पंचायत के एक दर्जन से अधिक मजरों में पाइप लाइन बिछाने का कार्य नहीं हो पाया है। योजना में लागत धनराशि बढ़ती जा रही है। ढाई करोड़ की दो किश्तों के बाद आवश्यक धनराशि का आवंटन नहीं हो पाया है।
मुख्य राजमार्ग और रेलवे लाइन का निर्माण में अड़ंगा
ग्राम पंचायत के सभी मजरों तक पाइप लाइन लगवाने में सबसे बड़ा अड़ंगा मुख्य राजमार्ग तथा रेलवे लाइन है। समूचा कटेहरी बाजार मुख्य राजमार्ग के दोनों तरफ आबाद है। यहां पाइप लाइन डालने के लिए लोक निर्माण विभाग की मंजूरी तथा भविष्य में राजमार्ग का फोर लेन में परिवर्तित होना है। फोर लेने बनने पर बाजार का भौगोलिक नक्शा बदलना तय है। इसके अलावा ग्राम पंचायत के मजरे दुल्लापुर, ढेलमउवा, निनामपुर, प्रतापपुर, डिहवा जैसे तमाम गांव रेलवे लाइन के उत्तर बसे हैं। इन गांवों तक पाइप लाइन बिछाना रेल विभाग की अनुमति पर निर्भर करता है। साथ ही रेल लाइन के पार पाइप लाइन ले जाना भी टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।
धन के लिए शासन को अवगत कराया है
जल दोहन के लिए बनएए गए तीन नलकूपों के लिए आवास नहीं बन पाया है, जबकि प्रति नलकूप तीन-तीन कर्मचारी नियुक्त हैं। टैंक की चहारदिवारी तो बन गई है, लेकिन गेट नहीं लगा है। वहीं जल निगम के दावे के अनुसार लोक निर्माण तथा रेल विभाग से अनुमति मिल गई है। बकाया धनराशि न मिलने के कारण वर्तमान समय में निर्माण कार्य रुका हुआ है। शेष धन प्राप्ति के लिए लगातार शासन को अवगत करवाया जा रहा है। निकट भविष्य में योजना को पूरा कर लिया जाएगा।

 


 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें