ओमप्रकाश राजभर की चेतावनी, आमित शाह बात करें नही तो राज्यसभा में वोट नहीं देंगे
- संसदीय कार्यमंत्री के मनाने पर भी नहीं माने
- भाजपा सरकार के मंत्री ओमप्रकाश बगावत की राह पर
- संसदीय कार्यमंत्री के मनाने पर भी नहीं माने
- सहयोगी पार्टी के पास चार विधायक हैं
प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालय
प्रदेश भाजपा सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने सहयोगी दल भाजपा के प्रति तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिये हैं। खुद को तवज्जो न दिये जाने से खफा राजभर ने अब कहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अगर उनसे बात नहीं की, तो उनके चार विधायक राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देंगे। कहा, भाजपा गठबंधन का धर्म नहीं निभा रही है। साथ में यह भी कहा कि इस सरकार में दलितों-पिछड़ों की उपेक्षा हो रही है।
ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भाजपा की सहयोगी दल है और उसके चार विधायक हैं। पार्टी के अध्यक्ष प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। वह पिछले काफी समय से राज्य सरकार के कामकाज से नाराज चल रहे हैं। वह समय-समय पर इसकी चेतावनी भी सरकार को देते आए हैं। उनकी नाराजगी का आलम यह है कि सरकार के एक साल पूरा होने पर आयोजित कार्यक्रम में वह शामिल नहीं हुए। इसका असर यह हुआ कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संसदीय कार्य व नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना उन्हें मनाने के लिए भेजा वह फिर भी नहीं माने।
ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि निकाय चुनाव में हमने भाजपा से सीटें मांगी, नहीं दी गई। इसके चलते अकेले लड़ना पड़ा। वह चाहते हैं कि उनकी पार्टी भाजपा में शामिल हो जाए। साफ शब्दों में कहा कि मैं पार्टी में नहीं जाऊंगा। उप चुनाव में एक बार भी नहीं पूछा गया और न ही मंच से उनकी पार्टी का नाम लिया गया। कहा, भाजपा ने राज्यसभा चुनाव में अनिल अग्रवाल को उतारा है। भाजपा कह सकती थी वोट देना है..., हमारे पास चार विधायक हैं..., लेकिन पर्चा भरने के समय बुलाने तक मुनासिब नहीं समझा गया।
उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से बात करने की कोशिश की, लेकिन बता तक नहीं की। राज्यसभा में अखिलेश यादव का साथ दिए जाने के सवाल पर कहा कि उनसे कोई बात नहीं हुई है। भाजपा गठबंधन का धर्म नहीं निभा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार का सारा ध्यान सिर्फ मंदिर पर है न कि गरीबों के कल्याण पर जिन्होंने वोट देकर सत्ता दी। बातें बहुत होती हैं लेकिन जमीनी तौर पर बहुत कम काम हुआ है।