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वाराणसी,गोंडा व गोरखपुर में बनेंगे नए एलपीजी बॉटलिंग प्लांट

भारत सरकार और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने प्रदेश में अपने इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। प्रदेश को ईंधन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 1261 करोड़ रुपए का निवेश...

वाराणसी,गोंडा व गोरखपुर में बनेंगे नए एलपीजी बॉटलिंग प्लांट
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊFri, 22 Sep 2017 09:21 PM
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भारत सरकार और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने प्रदेश में अपने इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। प्रदेश को ईंधन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 1261 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित किया है। इसके तहत गोरखपुर, गोंडा और वाराणसी में एलपीजी बॉटलिंग प्लांट बनेंगे। सप्लाई चेन को मजबूती देने के लिए एक हजार नए डिस्ट्रीब्यूटर बनाए जाएंगे। मिर्जापुर में तेल भंडारण के लिए एक टर्मिनल बनेगा। गोरखपुर, गोंडा और वाराणसी में नए एलपीजी बॉटलिंग प्लांट बनाए जाएंगे। इसके लिए करीब 650 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है। राजधानी के एक होटल में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान यह जानकारी देते हुए इंडियन ऑयल के कार्यकारी निदेशक (कार्पोरेट कम्यूनिकेशन एंड ब्रांडिंग) सुबोध डाकवाले ने बताया कि गोरखपुर बॉटलिंग प्लांट आईओसी और वाराणसी व गोंडा में हिन्दुस्तान पेट्रोलियम एलपीजी बॉटलिंग प्लांट लगाएगा। उसके साथ ही त्रिशुंडी (सुल्तानपुर) एलपीजी प्लांट की क्षमता में इजाफा किया जा रहा है। इस प्लांट की क्षमता 11 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 60 मीट्रिक टन होगी। इसके बाद 120 मिट्रिक टन तक क्षमता वृद्धि की जाएगी। इससे बढ़ी हुई मांग को पूरा करने में आसानी होगी। एलपीजी की 30 फीसदी खपत बढ़ी प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरुआत के बाद से प्रदेश में एलपीजी लेने वालों की संख्या में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है। प्रदेश में एलपीजी का विस्तार 77.1 प्रतिशत तक पहुंच गया है। जोकि राष्ट्रीय औसत के बराबर हो गया है। जबकि एक अप्रैल 2014 में 47.7 प्रतिशत था। यानी करीब 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो रही है। उज्जवला योजना के तहत प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 61.5 लाख परिवारों को एलपीजी कनेक्शन दिए जा चुके हैं। बीते तीन वर्षों में 167 लाख कनेक्शन बढ़कर 287 लाख हो गए हैं। मांग और आपूर्ति में आत्मनिर्भर बनाने राज्य चूंकि प्रदेश में एलपीली की मांग 13 से 14 प्रतिशत की सालान दर से बढ़ रही है। यूपी में इस समय एलपीजी खपत करीब 2140 टीएमटी (थाउजेंट मीट्रिक टन) है। इसे बढ़ा कर 2500 टीएमटी कर लिया गया है। आने वाले चार-पांच वर्षो में जो एलपीजी की क्षमता बढ़ाने वाली है उसके लिए यह तैयारी की गई है। जिससे एलपीजी में राज्य आत्मनिर्भर रहे। प्रदेश को बाधा रहित मिलेगी एलपीजी प्राकृतिक आपदा आए या रोड ब्लाक से आने वाले समय में एलपीजी की आपूर्ति पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि कांडला से गोरखपुर तक करीब 21 सौ किलोमीटर लम्बी एलपीजी पाइप लाइन बनाई जा रही है। इससे इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी जैसे प्लांट सीधे जुड़ जाएंगे। सभी प्लांटस को एलपीजी की सप्लाई बाधा रहित मिलेगी। मिर्जापुर में बनेगा तेल टर्मिनल तेल भंडारण के लिए मिर्जापुर की चुनार तहसील में आईओसी एक नया टर्मिनल बनाएगी। अभी इलाहाबाद और मुगलसराय में तेल टर्मिनल है। प्रदेश को अब बड़े तेल टर्मिनल की जरुरत है। कार्यकारी निदेशक आईओसी उत्तर प्रदेश अविनाश वर्मा बताते है कि टर्मिनल के लिए चुनार तहसील में 120 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। अभी बरौनी- कानपुर पाइप लाइन से पेट्रोलियम पदार्थ आता है। बरौनी रिफाइनरी से बढ़ाकर इसे मिर्जापुर में जो टर्मिनल बनेगा उससे जोड़ दिया जाएगा। साथ ही वहां रेलवे लाइन भी पहुंचाई जाएगी। इन सब पर करीब 650 करोड़ का खर्च आएगा। बढ़ेंगे एक हजार एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर प्रदेश में गांव-गांव तक लोगों को आसानी से गैस सिलेंडर पहुंचाने के लिए एक हजार नए डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्त किए जाएंगे। अभी प्रदेश में एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरों की संख्या 3030 के आसपास है। इंडियन ऑयल के कार्यकारी निदेशक (कार्पोरेट कम्यूनिकेशन एंड ब्रांडिंग) सुबोध डाकवाले बताते हैं तीन साल पहले 2014 में डिस्ट्रीब्यूटरों की संख्या 1932 के करीब थी। वह बताते हैं कि 24 को एक कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री और केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री तीन सौ डिस्ट्रीब्यूटर्स को स्वीकृति पत्र प्रदान करेंगे।

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