नई व्यवस्था: अब यूपी के सरकारी विभाग में होगी 'ऑनलाइन शॉपिंग'
सूबे के सभी सरकारी विभागों में कुटेशन के आधार पर की जाने वाली सामान की सप्लाई अब ऑनलाइन शॉपिंग के जरिये हो सकेगी। केंद्र के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने सभी विभागों के लिए गवर्नमेंट ई-मार्केट पैलेस...
सूबे के सभी सरकारी विभागों में कुटेशन के आधार पर की जाने वाली सामान की सप्लाई अब ऑनलाइन शॉपिंग के जरिये हो सकेगी। केंद्र के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने सभी विभागों के लिए गवर्नमेंट ई-मार्केट पैलेस (जैम) व्यवस्था लागू कर दी है। अधिकृत साइट पर जाकर विभागीय अधिकारी जरूरत के सामान परचेज कर ऑनलाइन ही बिलिंग कर सकेंगे।
इस संबंध में नगर विकास विभाग सहित सभी विभागों ने सर्कुलर जारी कर दिए हैं। इस व्यवस्था से समय पर विभागों में सामान की सप्लाई हो सकेगी और बिलिंग व सामान खरीद में भी पारदर्शिता रहेगी।
अभी तक ये है व्यवस्था
अभी तक सरकारी विभागों में सामान की खरीदारी के लिए अधिकारी स्तर पर तीन अलग-अलग दामों के कुटेशन लिए जाते हैं। कम दाम के कुटेशन को फाइनल कर फर्म से सप्लाई ली जाती है। इसके बाद उसे भुगतान किया जाता है। इस प्रक्रिया में लगातार कमीशन के आरोप विभागों पर लगते हैं, वहीं भुगतान न होने पर सप्लाई में भी बाधा रहती है।
ये होगी नई व्यवस्था
अधिकारी जैम.जीओवी.इन पर जाकर ई-मार्केट पैलेस में विभिन्न सामानों के दाम देख सकेंगे। कुटेशन की तरह ही तीन अलग-अलग दामों की कैटेगिरी के सामान को चिन्हित कर ऑनलाइन एप्लाई करेंगे। वहीं से सामान की डिलीवरी और बिलिंग हो सकेगी।
ये होगा फायदा
इस व्यवस्था से सामान की डिलीवरी कम समय में होगी और सामान कितना खरीदा, कितनी बिलिंग हुई, इसकी पारदर्शिता रहेगी। शासन स्तर पर कोई भी अधिकारी प्रक्रिया के बारे में जानकारी ले सकेंगे।
कई फर्में करा रहीं रजिस्ट्रेशन
सप्लाई करने वाली फर्मों ने अब गवर्नमेंट ई-मार्केट पैलेस पर ई प्रोक्योरमेंट पोर्टल के तहत रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए हैं। अभी तक 1000 से अधिक फर्में विभिन्न सामानों की सप्लाई के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुकी हैं।
नगर आयुक्त अरुण प्रकाश सर्कुलर के तहत विभाग में व्यवस्था लागू कर दी है। आचार संहिता खत्म होने के बाद सामान की सप्लाई के लिए नई प्रक्रिया इस्तेमाल में लाई जाएगी। सप्लाई ठेकेदार संघ के पदाधिकारी क्षितिज गुप्ता ने कहा है कि कई बार कमीशन आदि के लिए अधिकारी स्तर पर सामान की सप्लाई न चाहते हुए लेट करनी पड़ती थी। वहीं पेमेंट के लिए भटकना पड़ता था। इससे राहत मिलेगी।