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नोटबंदी की आर्थिक इमरजेंसी से देशवासी संकट में: मायावती

प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालयबसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि नोटबंदी की आर्थिक इमरजेंसी से देशवासी संकट के दौर से गुजर रहे हैं। सही मायने में कहा जाए तो यह एक प्रकार से आपातकाल जैसा...

नोटबंदी की आर्थिक इमरजेंसी से देशवासी संकट में: मायावती
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊWed, 08 Nov 2017 07:03 PM
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प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालय

बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि नोटबंदी की आर्थिक इमरजेंसी से देशवासी संकट के दौर से गुजर रहे हैं। सही मायने में कहा जाए तो यह एक प्रकार से आपातकाल जैसा संकट है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के अड़ियल रुख ने देशवासियों को परेशानी में डाल दिया है।

उन्होंने कहा कि 500 व 1000 रुपये का नोट बंद करने का फैसला पूरी तरह से अपरिपक्व साबित हुआ है। मोदी सरकार ने नोटबंदी करके मुट्ठीभर अपने चहेते नेताओं व उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का काम किया है। देश की सवा सौ करोड़ गरीब, मजदूर, किसान व अन्य मेहनतकश जनता तंगी व बेरोजगारी के दौर से गुजर रही है। नोटबंदी से देश में छाई आर्थिक मन्दी के कठिन दौर को एक वर्ष पूरा होने पर कहा कि सरकारी भ्रष्टाचार कम होने के बजाए बढ़ा है।

मायावती ने कहा कि लोगों को काम कराने के लिए भ्रष्टाचार की बलि चढ़ना पड़ता है। इसके बिना मामूली काम भी सही समय पर होना मुश्किल है। इसके बाद भी केंद्र की सरकार अपना राग अलापती रहती है कि सब कुछ ठीक चल रहा है। वास्तव में भाजपा के जितने भी करीबी व खास बड़े लोग हैं उनके खिलाफ भ्रष्टाचार, गैर-कानूनी व अनैतिक कार्यों का एक-के बाद-एक पर्दाफाश हो रहा है। पैराडाइज पेपर भाण्डाफोड़ व मीडिया द्वारा अन्य रहस्योद्घाटन इस बात को प्रमाणित करते हैं कि भाजपा एंड कंपनी के लोग जनता को ठग रहे हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों व धन्नासेठों की सरकार है और उनके हित व फायदे के लिए सब-कुछ करने को तैयार रहती है। इसका उजागर तब हुआ जब सरकारी बैंकों को 2.11 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी मुहैया कराई गई। धन्नासेठों को अनुचित लाभ पहुंचाने की नीति के कारण ही सरकारी बैंक कंगाल बन हुए हैं।

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