एनआईए के नाम से ‘टेरर फंडिंग करने वालों में दहशत : राजनाथ
कई पड़ोसी देशों ने आतंकवाद को अपनी विदेश नीति का हिस्सा बनाया : योगी आदित्यनाथ प्रमुख संवाददाता-राज्य मुख्यालय केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के नाम से...
कई पड़ोसी देशों ने आतंकवाद को अपनी विदेश नीति का हिस्सा बनाया : योगी आदित्यनाथ प्रमुख संवाददाता-राज्य मुख्यालय केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के नाम से ‘टेरर फंडिंग करने वालों के दिल में दहशत पैदा हो जाती है। आज कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है। इस एजेंसी के गठन के बाद से पूर्वोत्तर राज्यों के उग्रवाद में 75 प्रतिशत और नक्सलवाद की घटनाओं में 40 प्रतिशत की कमी आई है। श्री सिंह रविवार को यहां गोमती नगर विस्तार में एनआईए के शाखा कार्यालय एवं आवासीय परिसर का उद्घाटन करने के बाद आयोजित समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद व नक्सलवाद जैसी समस्याओं में ‘फेक करेंसी की बहुत बड़ी भूमिका है। एनआईए के स्रोतों की जांच बहुत ही प्रभावी ढंग से कर रही है। ‘टेरर फंडिंग में लिप्त लोग अब इसकी गिरफ्त में हैं। एनआईए राज्य की खुफिया एवं सुरक्षा एजेंसियों के साथ बेहतर तालमेल बनाते हुए काम करेगी और सूचनाएं भी साझा करेगी। गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद से देश की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम पूरी कठोरता के साथ उठाए जा रहे हैं। शीघ्र ही हम आतंकवाद व नक्सलवाद जैसी समस्याओं से निजात पा लेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कई पड़ोसी देशों ने आतंकवाद को अपनी विदेश नीति का हिस्सा बना लिया है लेकिन जब देश में एनआईए जैसी संस्था है तो आतंकवाद की कमर तोड़ने में निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। आतंकवाद पर अंकुश लगाने के मामले में वर्ष 2014 के बाद तेजी आई। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने में तकनीक का प्रयोग बहुत कारगर साबित हो रहा है। ऐसे में एनआईए सहित सभी केन्द्रीय अथवा राज्य की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाना आवश्यक है। प्रदेश सरकार द्वारा एटीएस को और मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने एनआईए और राज्य सरकार की खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों के बीच हर छह माह पर एक उच्च स्तरीय बैठक कराने का सुझाव दिया ताकि आपसी तालमेल और सूचनाओं का आदान-प्रदान और बेहतर हो सके। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की तरफ से एनआईए को हरसंभव सहयोग का भरोसा भी दिलाया। लखनऊ कार्यालय के कार्यक्षेत्र में हैं चार राज्य : एनआईए के महानिदेशक शरद कुमार ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि वर्ष 2009 से अस्तित्व में आई एनआईए आतंकवादी मामलों की पड़ताल बहुत ही वैज्ञानिक तरीके से से करती है। इसने अब तक 165 मामलों में से 95 प्रतिशत मामलों को सुलझाया है, जिसमें से 94 प्रतिशत मामलों में दोषियों को सजा मिली है। एनआईए एक विश्वसनीय जांच एजेंसी है। अभी तक एनआईए का अपना कोई कार्यालय परिसर नहीं था। लखनऊ में निर्मित यह परिसर इस एजेंसी का पहला निजी कार्यालय तथा आवासीय परिसर है। इसकी स्थापना से इस एजेंसी की कार्य-कुशलता और बढ़ेगी। इस शाखा कार्यालय का कार्यक्षेत्र उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, उत्तराखंड व बिहार तक है। समारोह में प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार व डीजीपी सुलखान सिंह भी मौजूद थे।