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बिजली कम्पनियों की अक्षमता का खामियाजा उपभोक्ताओं पर न डाला जाये

- विद्युत अधिनियम 2003 में प्रस्तावित संशोधन पर उपभोक्ता परिषद ने ऊर्जामंत्री से की...

बिजली कम्पनियों की अक्षमता का खामियाजा उपभोक्ताओं पर न डाला जाये
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊWed, 17 Oct 2018 08:20 PM
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- विद्युत अधिनियम 2003 में प्रस्तावित संशोधन पर उपभोक्ता परिषद ने ऊर्जामंत्री से की मुलाकात - ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ता हित में सभी बिन्दुओं पर विचार करने का आश्वासन दिया लखनऊ। कार्यालय संवाददाताविद्युत अधिनियम 2003 व टैरिफ पॉलिसी में प्रस्तावित संशोधन को लेकर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बुधवार को शक्ति भवन में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात की। इस दौरान अवधेश वर्मा ने बिजली कंपनियों की अक्षमता का खामियाजा उपभोक्ताओं पर न डालने की मांग की। अवधेश ने प्रस्तावित अधिनियम में एमओयू के तहत आने वाले सभी उत्पादन गृहों की बिजली दरें जो काफी अधिक हैं, कम करने की मांग की। साथ ही एक्ट में वर्तमान परिवेश में मार्केट दर पर दोबारा समीक्षा का प्राविधान हो, सभी निजी घरानों के उत्पादन गृहों की अनिवार्य रूप से सीएजी आडिट कराई जाए, बिजली दर का निर्धारण उपभोक्ताओं की आवश्यकता के आधार पर तय हो। जिस पर ऊर्जा मंत्री ने विचार करने का आश्वासन दिया। बिजली कंपनियों का एकीकरण करने की मांग बिजली कंपनियां बनने के बाद लगातार घाटा हो रहा है। ऐसे में बिजली कंपनियों के एकीकरण पर विचार हो। साथ ही वितरण पारेषण सहित उत्पादन के क्षेत्र में अनिवार्य रूप से 75 फीसदी भागीदारी सार्वजनिक क्षेत्र की हों। इसके अलावा किसानों की दरें कम रहें, इसलिए क्रास सब्सिडी को बढ़ाने का प्राविधान होना चाहिए।निजी घरानों की सीएजी आडिट कराने की मांग उपभोक्ता परिषद ने कहा कि जब तक देश की कोई भी बिजली कंपनी फायदे में न हो, उसे निजी व सरकारी कन्सल्टेन्ट रखने पर प्रतिबन्ध हो, सौभाग्या सहित अन्य योजनाओं के तहत गरीब व बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए अनिवार्य रूप से सस्ती बिजली देने का प्राविधान हो। साथ ही बिजली कंपनियों के अधिकारियों द्वारा किए गए गबन, भ्रष्टाचार व बिजली चोरी की वजह से घाटे की मार टैरिफ में बिल्कुल न पास करने का स्पष्ट प्राविधान होना जरूरी है। केंद्रीय योजनाओं सौभाग्या, उदय इत्यादि में किसी भी भ्रष्टाचार पर सीबीआई, केन्द्रीय सतर्कता आयोग, केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण से स्वतंत्र जांच कराने का प्रावधान होना जरूरी है। उपभोक्ता परिषद ने पूरे देश में भार के अनुसार मात्र एक ही टैरिफ श्रेणी पर विचार करने के पहले व्यापक अध्ययन कर सभी की राय लेने के प्रावधान करने पर भी चर्चा की।

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