मांगे पूरी न होने पर भड़का लैब टेक्नीशियन का गुस्सा
लखनऊ। कार्यालय संवाददाता
लखनऊ। कार्यालय संवाददाता
उप्र प्रयोगशाला प्राविधिज्ञ (लैब टेक्नीशियन) संघ ने मांगे पूरी न होने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। बैठक में संघ के पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान किया है। पदाधिकारियों का कहना है अधिकारी मांगों को लटकाकर सरकार के वादों को झटका दे रहे हैं। इससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है।
बलरामपुर अस्पताल के विज्ञान भवन में संघ की बैठक हुई। संघ के अध्यक्ष सुरेश रावत ने कहा कि वेतन विसंगति का मसला बीते 10 सालों से लटका पड़ा है। इस संबंध में 30 से ज्यादा बैठके हो चुकी हैं। दर्जनों पत्र स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को लिखे गए हैं। उन्होंने कहा कि लैब टेक्नीशियन के 12 सौ से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। कुल 31 सौ पद सृजित हैं। पदों के खाली होने से मरीजों को खासी दुश्वारियां हो रही है। मरीजों को जांच के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। तमाम जिले ऐसे हैं जिनमें एक भी लैब टेक्नीशियन नहीं है। उन्होंने कहा कि पैथोलॉजी को प्राइवेट हाथों में सौपा जा रहा है। इसमें मनमानी हो रही है। गुणवत्ता भी सवालों के घेरे में है। मजबूरन मरीज प्राइवेट अस्पतालों में जांच कराने को मजबूर हैं। महामंत्री बीबी सिंह ने सरकार से जल्द ही वेतन विसंगति दूर करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार 24 घंटे पैथोलॉजी चलाने के लिए टेक्नीशियन व सुविधाएं बढ़ाए।
काम ज्यादा वेतन कम
संघ के प्रान्तीय महासचिव कमल श्रीवास्तव ने कहा कि लैब टेक्नीशियन का प्रमोशन समय पर नहीं हो रहे हैं। 60 से ज्यादा पद सीनियर लैब टेक्नीशियन के खाली पड़े हैं। इन्हें भरने की फिक्र किसी को नहीं है। प्रोन्नति न होने से कर्मचारियों में निराशा घर कर रही है। उन्होंने कहा कि लैब टेक्नीशियन सबसे ज्यादा काम करते हैं इसके बावजूद वेतन सबसे कम मिल रहा है। बाकी दूसरे टेक्नीकल पदों पर कर्मचारियों को नियमानुसार वेतन मिल रहा है। सिर्फ लैब टेक्नीशियन ही उपेक्षित हैं।
दाखिले की योग्यता बदली जाए
प्रवक्ता सुनील कुमार ने कहा कि लैब टेक्नीशियन पाठ्यक्रम में दाखिले की योग्यता बीएससी की जाए। प्रदेश सरकार ने जो रिजवी कमेटी बनाई थी उसने भी योग्यता बीएससी करने की सिफारिश की है। केंद्र सरकार में यह नियम पहले से ही है। अभी 12 विज्ञान वर्ग से पास छात्रों को इस पाठ्यक्रम में दाखिला मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कैडर रिव्यू केंद्र के समान किया जाए।