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गर्भावस्था में दवाओं से काबू आएगी डायबिटीज

लखनऊ। कार्यालय संवाददातागर्भावस्था के दौरान डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को इंसुलिन के बजाए दवाएं दी जाएंगी। इससे डायबिटीज पर काबू पाया जाएगा। अब केवल उन्हीं गर्भवती महिलाओं को इंसुलिन दी जाएगी जिनमें...

गर्भावस्था में दवाओं से काबू आएगी डायबिटीज
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊTue, 14 Nov 2017 09:09 PM
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लखनऊ। कार्यालय संवाददाता

गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को इंसुलिन के बजाए दवाएं दी जाएंगी। इससे डायबिटीज पर काबू पाया जाएगा। अब केवल उन्हीं गर्भवती महिलाओं को इंसुलिन दी जाएगी जिनमें दवाएं कारगर नहीं होंगी। इसका सबसे अधिक फायदा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को होगा। क्योंकि वहां इंजेक्शन लगाने की सुविधा आस-पास नहीं होती है। इसलिए वे समय पर इंसुलिन का इंजेक्शन नहीं लगवा पाती हैं। समुचित इलाज न मिलने से डायबिटीज पीड़ित महिलाओं की जान खतरे में पड़ सकती है। यह जानकारी केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीनमेरी) की अध्यक्ष डॉ. विनीता दास ने दी।

वे मंगलवार को केजीएमयू कलाम सेंटर में डायबिटीज जागरुकता दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। डॉ. विनीता दास ने कहा कि 30 से 40 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं डायबिटीज की जद में आ जाती हैं। प्रत्येक गर्भवती महिलाओं को डायबिटीज का पता लगाने के लिए ब्लड शुगर की जांच करानी चाहिए। अफसोस की बात है कि महिलाएं जांच नहीं कराती हैं। जांच के बाद जिनमें डायबिटीज की पुष्टि होती है वे पूरा इलाज नहीं कराती हैं। इस लापरवाही से गर्भवती महिलाओं के साथ जन्म लेने वाले शिशु को डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि अभी तक जिन गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज का पता चलता है उन्हें सीधे इंसुलिन की सलाह दी जाती है। पर, ग्रामीण क्षेत्र में इंसुलिन का इंजेक्शन लगाने की सुविधा नहीं होती है। ऐसें में महिलाओं को पुख्ता इलाज नहीं मिल पाता है। उन्होंने बताया कि क्वीनमेरी में भारत सरकार की मदद से शोध हो रहा है। इसमें इंसुलिन के इंजेक्शन के बजाए दवाओं से डायबिटीज पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। शोध के शुरुआती नतीजे उत्साहपूर्ण आए हैं। उन्होंने बताया कि तमाम डायबिटीज पीड़ित गर्भवती महिलाओं को इंसुलिन के बजाए दवाएं दी गई। इससे डायबिटीज काबू में रही। महिलाओं ने स्वास्थ्य शिशु को जन्म दिया। कार्यक्रम में फिजियोलॉजी विभाग के डॉ. नरसिंह वर्मा, वर्ल्ड डायबिटीज फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ. अनिल कपूर समेत अन्य डॉक्टर मौजूद थे।

खान-पान पर रखे नियंत्रण

विभाग की डॉ. अमिता पांडेय ने कहा कि डायबिटीज पीड़ित गर्भवती महिलाओं को डायबिटीज की जांच कराएं। यदि डायबिटीज की पुष्टि हुई है तो इलाज कराएं। प्रसव के छह हफ्ते बार जांच कराएं। गर्भावस्था के दौरान जिनमें डायबिटीज होती हैं उनमें भविष्य में भी इस बीमारी का खतरा बना रहता है। खान-पान पर नियंत्रण रखें। फास्ट-फूड के सेवन से बचें।

ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा

डॉ. एसपी जायसवार ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को खान-पान ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि डायबिटीज पीड़ित गर्भवती महिलाओं का ब्लड प्रेशर गड़बड़ा सकता है। इससे महिलाओं को झटके आ सकते हैं। जो महिला व जन्म लेने वाले शिशु के लिए जानलेवा हो सकता है।

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