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बीएसआइपी में खुलेगी पूरा-जीनोमिक्स व पूरा-आनुवंशिकी लैब

प्रो. एडवर्ड्स को संस्थान के प्रतिष्ठित गोल्ड मेडल से नवाजा गयालखनऊ। कार्यालय संवाददाताबीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान (बीएसआइपी) में मंगलवार को संस्थापक दिवस मनाया। इस अवसर पर बीएसआइपी के निदेशक...

बीएसआइपी में खुलेगी पूरा-जीनोमिक्स व पूरा-आनुवंशिकी लैब
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊTue, 14 Nov 2017 07:55 PM
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प्रो. एडवर्ड्स को संस्थान के प्रतिष्ठित गोल्ड मेडल से नवाजा गया

लखनऊ। कार्यालय संवाददाता

बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान (बीएसआइपी) में मंगलवार को संस्थापक दिवस मनाया। इस अवसर पर बीएसआइपी के निदेशक सुनील बाजपेई ने बताया कि संस्थान भविष्य में पूरा-जीनोमिक्स व पूरा-आनुवंशिकी लैब की स्थापना करने जा रहा है। प्रो. पी. बलराम ने 'जीवविज्ञान में रासायनिक संचार' पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने रसायन विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका को पौधे-जीव और जीव-जीव संचार के बीच एक पुल के रूप में परिभाषित किया। उन्होंने जीव-विज्ञान व रसायन शास्त्र के आणविक पैमाने के सम्बन्धों पर प्रकाश डाला।

कार्डिफ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डायने एडवर्ड्स ने 62वें सर अल्बर्ट चार्ल्स सिवार्ड स्मारक व्याख्यान दिया। उन्होंने भू-वनस्पति व जलवायु के सम्बन्धों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि समकालीन बजट को विनियमित करने में रासायनिक छरण की भूमिका को समझाया। इससे हिम युग की उत्पत्ति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। प्रोफेसर एडवर्ड्स को संस्थान के प्रतिष्ठित गोल्ड मेडल से नवाजा गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डा. माधवन नायर राजीवन ने जलवायु सेवाओं के विकास में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने वैश्विक और स्थानीय जलवायु की निगरानी के लिए आधुनिक तंत्र विकसित किये है, जोकि हिंद महासागर क्षेत्र में जलवायु सेवाएं प्रदान करने के लिए विश्व मौसम विज्ञान संगठन द्वारा चिन्हित किया गया है। उन्होंने पूरा जलवायु परिवर्तनशीलता के शोध में लगे हुए बीएसआईपी के वैज्ञानिकों को सेंटर ऑफ फॉर क्लाइमेट चेंज पुणे के वैज्ञानिकों के साथ साझा शोध के लिए आमंत्रित किया। जिससे हमे जलवायु परिवर्तन पुनर्निर्माण के बारे में बेहतर जानकारी मिल सके। कार्यक्रम में प्रो. पी. बलराम, पूर्व निदेशक भारतीय विज्ञान संस्थान सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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