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पांच घंटे घमासान के बाद डॉ. राजीव बने बलरामपुर के निदेशक

-तबादले के बाद दो डॉक्टरों ने ठोंका था निदेशक पद का दावा -महानिदेशक के हस्तक्षेप के बाद सुलझा मामला लखनऊ। कार्यालय संवाददाता बलरामपुर अस्पताल में पांच घंटे घमासान के बाद निदेशक पद की दावेदारी का...

पांच घंटे घमासान के बाद डॉ. राजीव बने बलरामपुर के निदेशक
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊFri, 11 Aug 2017 08:03 PM
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-तबादले के बाद दो डॉक्टरों ने ठोंका था निदेशक पद का दावा -महानिदेशक के हस्तक्षेप के बाद सुलझा मामला लखनऊ। कार्यालय संवाददाता बलरामपुर अस्पताल में पांच घंटे घमासान के बाद निदेशक पद की दावेदारी का मसला खत्म हुआ। अस्पताल के वरिष्ठता को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया था। स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल का निदेशक डॉ. राजीव लोचन को बनाया गया। उन्होंने डॉ. ईयू सिद्दीकी के स्थान पर पदग्रहण कर लिया है। शासन ने गुरुवार को अस्पताला के निदेशक व सीएमएस के तबादले किए थे। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. ईयू सिद्दीकी का तबादला स्वास्थ्य महानिदेशालय कर दिया गया। अस्पताल में दो अन्य वरिष्ठ डॉ. सुरभि, डॉ. एके श्रीवास्तव और डॉ. अतुल मिश्र का तबादला भी कर दिया गया। नए निदेशक का नाम शासन की तरह से घोषित नहीं किया गया। नियमानुसार वरिष्ठ डॉक्टर को इसका चार्ज मिलता है। पर, शुक्रवार को अस्पताल के निदेशक पद के लिए दो डॉक्टरों ने दावा ठोंक दिया। हड्डी रोग विभाग के डॉ. एमके गुप्ता व डॉ. राजीव लोचन ने दावेदारी पेश की। दोपहर दो बजे चार्ज देने की तैयारियां चली। डॉ. सिद्दीकी चार्ज देने को राजी हुए। इसी दौरान डॉ. गुप्ता ने खुद को डॉ. राजीव लोचन से वरिष्ठ बताया। दोनों का विवाद काफी देर चला। मामले की गंभीर मानते हुए डॉ. सिद्दीकी ने स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. पदमाकर सिंह के पाले में गेंद डाल दी। डॉ. एमके गुप्ता और डॉ. राजीव लोचन महानिदेशक के पास पहुंचे। दोनों ने नौकरी से संबंधित दस्तावेज पेश किए। महानिदेशक डॉ. पदमाकर सिंह ने दस्तावेजों की जांच पड़ताल की। महानिदेशक ने बताया कि एक मामले में डॉ. एमके सिंह निलंबित चल रहे थे। उसके बाद बलरामपुर अस्पताल तबादला होकर आए। पर, उन्हें ज्वाइंनिंग नहीं दी गई। क्योंकि उस समय उनके समकक्ष पद खाली नहीं थे। तत्कालीन अस्पताल के निदेशक ने मामले को शासन के सुपुर्द कर दिया था। उन्होंने बताया कि डॉ. एमके गुप्ता बलरामपुर अस्पताल में ज्वाइन ही नहीं हुए। लिहाजा वरिष्ठ होने का दावा खारिज कर दिया गया। डॉ. राजीव लोचन को कार्रवाहक निदेशक बना दिया गया है। डॉ. लोचन ने शाम को कार्यभार ग्रहण कर लिया है।

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