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न्यू एजुकेशन डिपार्टमेंट का सुझाव बढ़िया-डा दिनेश शर्मा

Suggesdtion for new Education Department is very good-Dinesg sharma

न्यू एजुकेशन डिपार्टमेंट का सुझाव बढ़िया-डा दिनेश शर्मा
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 13 Jul 2020 04:41 PM
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विशेष संवाददाता-राज्य मुख्यालयउप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा है कि जब हम ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दे रहे हैं तो इसके लिए ‘न्यू एजुकेशन डिपार्टमेंट खोलने का सुझाव बढ़िया है। उन्होंने ऑनलाइन शिक्षा को 20 से बढ़ाकर 40 फीसदी तक करने पर जोर दिया। डा. शर्मा हिन्दुस्तान द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। नई विधाओं पर करना होगा विचारउन्होंने एकेटीयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के सुझाव का जिक्र करते हुए कहा कि डा पाठक का सुझाव बढ़िया है। जब हम लम्बे समय तक ऑनलाइन शिक्षण पर निर्भर रहेंगे तो डिजिटल गतिविधियां बढ़ानी पड़ेगी। हमें अब नई विधाओं पर नए सिरे से विचार करना होगा। न्यू एजुकेशन विभाग खोलना पड़ेगा और इसके लिए डीन भी खोजना होगा। उन्होंने कहा कि अभी तक हमारी कार्ययोजना में ऑनलाइन टीचिंग 20 फीसदी ही है लेकिन लंबे समय तक हमें कोरोना संक्रमण का सामना करना पड़ सकता है इसलिए इसे इस सत्र से 40 फीसदी तक बढ़ाने का अनुरोध किया है। क्लासरूम टीचिंग है अनिवार्यडा. शर्मा ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षण एक बेहतर विकल्प है लेकिन क्लासरूम टीचिंग अनिवार्य दिखती है। इसे छोड़ नहीं सकते। यहां बच्चे आपस में बहुत कुछ सीखते हैं। प्रत्यक्ष रूप से शिक्षकों से पूछ सकते हैं। शारीरिक सौष्ठव, प्रैक्टिकल, तमाम प्रकार के शैक्षिक भ्रमण का अवसर मिलता है। ऑनलाइन शिक्षण में इसका अभाव दिखता है। यह शैक्षिक अभाव को दूर करने में सहायक बन सकता है। अब शिक्षा के आयाम, प्राथमिकताएं व स्वरूप बदल रहा है। इसमें ऑनलाइन टीचिंग व क्लासरूम टीचिंग के बीच सामंजस्य बैठा सकें, ये चुनौती जरूर होगी। अभी हम कक्षा 9 से 12 व उच्च शिक्षा में ऑनलाइन शिक्षण करा रहे हैं क्योंकि बड़े बच्चे फोन के अभ्यस्त होते हैं। वे टि्वटर, फेसबुक, यू ट्यूब चला लेते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में कोरोना का सकारात्मक पक्षकोरोना संक्रमण के सकारात्मक पक्ष का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में क्लासरूम टीचिंग का विकल्प खोजने का प्रयास चल रहा था। हम शिक्षकों के ऑनलाइन प्रशिक्षण की सोच रहे थे लेकिन एकदम से कोरोना संक्रमण आ गया और हमें ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करनी पड़ीं। मुझे खुशी है कि हमारे बच्चों और शिक्षकों ने इसमें उत्साह से भाग लिया। इसका लाभ 60 से 70 फीसदी बच्चों को मिला। जहां इंटरनेट नहीं वहां टीवी से पहुंच बनाईउप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कठिन दौर है। गांवों में नेटवर्किंग नहीं है लेकिन हमारी व्हाट्सऐप वर्चुअल क्लास सफल रहीं। गांव तक पहुंचने के लिए विकल्प खोजा और इसके लिए टेक्निकल एजुकेशन को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने अपने स्टूडियो को माध्यमिक शिक्षा के ई-कंटेट तैयार करने के लिए इस्तेमाल करने दिया। हमें हिन्दी में ई-कंटेंट तैयार करने का अवसर मिला। इसमें प्रतिभावान शिक्षक उभर कर सामने आए। ई-कंटेंट को स्वयंप्रभा व दूरदर्शन चैनल के माध्यम से पहुंचाया। जहां इंटरनेट नहीं है वहां यह कारगर रहा।अनियमित शैक्षणिक सत्र को नियमित किया विवि के लिए जारी शैक्षणिक कैलेण्डर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कल हमने एक कैलेण्डर जारी किया है। हमने तीन सालों में बहुत मेहनत करके अनियमित सत्र को नियमित किया है। अगर कक्षाएं न चलें तो सत्र अनियमित हो सकता है। ये बहुत दुखद होगा। हम चाहते हैं कि 5 जून तक सभी चीजें खत्म हो सकें। कठिन परिश्रम के बाद भी जो परिस्थितियां हैं उसमें क्लासरूम शिक्षण संभव नहीं दिखता। अक्तूबर-नवम्बर में कांसेप्ट क्लास चलाएंगे और यदि स्थितियां सामान्य होंगी तो क्लासरूम टीचिंग शुरू कर सकते हैं। शिक्षा में बदलाव हुआ है लेकिन हमें अब भी तलाश है कि उस बिन्दु की जिसमें स्थायित्व हो। जिसमें बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को पूरा करने का सभी साधन संसाधन हो। उसकी तरफ भी आगे बढ़ने की जरूरत होगी।

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