New 44-Bed Mother and Newborn Care Unit Opens in Lucknow s Shri Ram Sagar Mishra Hospital गंभीर शिशु के लिए राम सागर अस्पताल में इलाज की सुविधा, Lucknow Hindi News - Hindustan
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गंभीर शिशु के लिए राम सागर अस्पताल में इलाज की सुविधा

Lucknow News - लखनऊ के श्रीराम सागर मिश्र अस्पताल में 44 बेड का मदर एंड न्यू बार्न केयर यूनिट (एमएनसीयू) स्थापित किया जाएगा। यह अस्पताल का पहला ऐसा केंद्र होगा जिसमें बीमार नवजात शिशुओं के साथ माताओं को भी भर्ती...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSat, 22 March 2025 07:09 PM
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गंभीर शिशु के लिए राम सागर अस्पताल में इलाज की सुविधा

सीतापुर रोड बीकेटी स्थित श्रीराम सागर मिश्र अस्पताल में नवजात शिशुओं को और बेहतर इलाज मिल सकेगा। इसके लिए अस्पताल में 44 बेड का मदर एंड न्यू बार्न केयर यूनिट (एमएनसीयू) बनेगा। यह लखनऊ का पहला अस्पताल होगा, जिसमें एमएनसीयू की सुविधा होगी। खास बात है कि इस यूनिट में बीमार शिशु के साथ मां को भी भर्ती किया जाएगा। आरएसएम अस्पताल के नवनियुक्त सीएमएस डॉ. वीके शर्मा ने शनिवार को यह जानकारी पत्रकार वार्ता में साझा की। डॉ. वीके शर्मा ने बताया कि 24 बेड पर मां और शिशु भर्ती किए जाएंगे। बाकी 20 बेड पर दूसरी बीमारी से पीड़ित शिशुओं को भर्ती किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह लखनऊ के सरकारी अस्पताल का पहला सेंटर होगा, जिसमें एमएनसीयू की सुविधा होगी। यह सिक न्यूबार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) से भिन्न होगी। इसमें बीमार शिशु के साथ मां को भी भर्ती किया जाएगा। बताया कि ऐसे बच्चे जिनका जन्म के साथ वजन 1800 ग्राम से ढाई किलो के बीच रहता है। उन्हें ही यूनिट में रखा जाएगा।

मां का दूध सुरक्षित रखा जा सकेगा

डॉ. वीके शर्मा ने बताया कि यूनिट में लेक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट भी बनेगी। इसमें मां का दूध सुरक्षित रखा जाएगा। प्रसव के बाद कुछ माताओं को अधिक दूध आता है। ऐसे में उस दूध को सुरक्षित रखा जा सकेगा। जरूरत के हिसाब से उसी मां से जन्मे शिशु को पिलाया भी जा सकेगा।

मां वार्ड में ही स्तनपान करा सकेंगी

आरएसएम बाल रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. एसके सिंह ने बताया कि यूनिट में एक वार्मर भी होगा, जो बच्चे के शरीर के तापमान को दुरुस्त रखेगा। वार्ड में गंभीर रूप से बीमार बच्चों के लिए ऑक्सीजन सुविधा भी होगी। मां वार्ड के भीतर ही शिशु को स्तनपान करा सकेंगी। डिब्बा बंद दूध सारे विकल्प बंद होने पर दिया जाना चाहिए। डिब्बा बंद दूध शिशु की सेहत के लिए नुकसानदेह है। इस मौके पर फिजीशियन डॉ. पीके वर्मा, डॉ. गिरीश पांडेय, सर्जन डॉ. सुमित महराज, अजीत सिंह, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक, राजेश, अरविंद और दिलीप गुप्ता मौजूद रहे।

एमएनसीयू के लाभ

-स्तनपान को बढ़ावा मिलेगा

-शिशु की देखभाल में माताओं की अधिक भागीदारी

-परिवार के सदस्यों के लिए बेहतर सीखने के अवसर

-परिवार के सदस्यों के लिए तनाव का स्तर कम

-अच्छी देखभाल से शिशुओं की मृत्यु दर में कमी

-शिशुओं में हाइपोथर्मिया कमी

-शिशुओं में सेप्सिस की कम आशंका

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