लखनऊ में बिखरी नेपाली रंगमंच की रोशन
बीएनए में नाट्य समारोह वसंत उत्सव शुरू लखनऊ। कार्यालय संवाददाता नेपाल के रंगकर्मियों ने...
बीएनए में नाट्य समारोह वसंत उत्सव शुरू
लखनऊ। कार्यालय संवाददाता
नेपाल के रंगकर्मियों ने अपनी कला और विरासत से लखनऊ को परिचित कराया। भारतेन्दु नाट्य अकादमी में शनिवार से शुरू हुए नाट्य समारोह वसंत उत्सव का पहला दिन नेपाली नाटक 'हमीं नई आफई आफ' के नाम रहा। पद्मा सचदेवा के हिन्दी उपन्यास 'अब न बनेगी देहरी' का नाट्य रूपांतरण आसिफ अली ने और निर्देशन बिपिन कुमार ने किया। कहानी, संवाद अदाएगी और जीवंत अभिनय ने थ्रस्ट सभागार में मौजूद दर्शकों को बांधे रखा। मंच पर प्रेम और विद्रोह साथ-साथ नजर आया।
नाटक की कहानी युवा विधवा रेवती और संत गिरिबाबा की है। रेवती के पति की असामयिक मृत्यु के बाद गांव के मंदिर में विभिन्न गतिविधियों के साथ नाटक शुरू होता है। बाद में जब रेवती मंदिर के पास आत्महत्या करने की कोशिश करती है तो संयोग से गिरिबाबा उसे बचा लेते हैं। दोनों में प्रेम हो जाता है। रेवती सब कुछ छोड़कर गिरि बाबा के साथ घर बसाने को तैयार है पर धर्म के ठेकेदार इस प्रेम के खिलाफ हो जाते हैं। अंत में गिरिबाबा समाधि ले लेते हैं और रेवती स्वतंत्र रहने और अपने बच्चे की परवरिश का फैसला करती है। मंच पर विक्रम लेप्चा, भुवन शर्मा, तिला रूपा, प्रेम, रंजना मगर, लैप्चन, नितलेश, उत्तम, अनिल कुमार, पवित्र गौतम, सुमन राई, बीरबल सुब्बा ने प्रभावी अभियन किया।