अर्थव्यवस्था में उतार चढ़ाव स्वभाविक
लखनऊ विशवविद्यालय के प्रोफेसर मनोज अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि एक बड़ी अर्थव्यवस्था में चढ़ाव उतार आना स्वाभाविक हैं। वह विद्यान्त हिन्दू पीजी कालेज के वाणिज्य संकाय में भारतीय अर्थव्यवस्था मुद्दे और...
लखनऊ विशवविद्यालय के प्रोफेसर मनोज अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि एक बड़ी अर्थव्यवस्था में चढ़ाव उतार आना स्वाभाविक हैं। वह विद्यान्त हिन्दू पीजी कालेज के वाणिज्य संकाय में भारतीय अर्थव्यवस्था मुद्दे और चुनौतियां‘ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि कृषि, ढांचागत निर्माण और आईटी आदि क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। इन्हीं क्षेत्रों की समृद्धि से बेरोजगारी भी दूर होगी और अर्थव्यवस्था भी समृद्ध होगी। संसाधनों के दुरूपयोग एवं प्राथमिकताओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रबन्धक शिवाशीष घोष ने कहा कि इस संगोष्ठी के सन्देश से वाणिज्य व्यवस्था को लाभ होगा। प्राचार्य प्रो. धर्म कौर ने कहा कि अर्थव्यवस्था देश की धुरी है, उसे वांछित ऊंचाई पर पहुंचाने में युवा पीढ़ी का रचनात्मक योगदान होता है। वाणिज्य संकाय के अध्यक्ष डॉ राजीव शुक्ला ने कहा कि विद्यार्थी अपने को इतना नवाचारी बनाएं कि देश की अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने में अपना योगदान दे सकें। डां. दीप किशोर ने विषय-प्रवर्तन करते हुए कहा सबसे ज्यादा जरूरत इस बात की है कि आर्थिक सुधारों पर जितना ध्यान दिया जाए उतना ही बड़े विनिवेश के लिए अनुकूल जरूरतों पर ध्यान देना होगा। संगोष्ठी में चालीस विद्यर्थियों ने शोध पत्र पर आधारित विचार व्यक्त किए। शोध पत्र भाषण पर विद्यर्थियो को पुरस्कार दिया गया। इसमें ऋचा को प्रथम, प्रणव को द्वितीय व शुष्मीता को तृतीय पुरष्कार हालिस हुआ।