रसूल की बनाई शरीअत कयामत तक बाकी रहेगी
लखनऊ। कार्यालय संवाददाता
लखनऊ। कार्यालय संवाददाता
रसूल ने जो शरीअत दी है। वह कयामत तक बाकी रहेगी। इस शरीअत में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता है। इस शरीअत को जानना और इस पर जीवन गुजारना सभी मुसलमानों पर फर्ज है। शनिवार पहली रबीउल अव्वल को दारूल उलूम फरंगी महल में ‘जलसा सीरतुन्नबी व सीरते सहाबा और तहफ्फुजे शरीअत‘को सम्बोधित करते हुए इमाम ईदगाह खालिद रशीद फरंगी ने कही। वहीं, एक मीनारा मस्जिद में बारावफात के पहले जलसे को मौलाना कारी मोहम्मद सिद्दीक ने खिताब किया।
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि रसूल की शरीअत दुनिया के तमाम इंसानों के लिए चाहे वह मुसलमान हों या गैर मुस्लिम, दुनिया के किसी क्षेत्र के नागरिक हों सब के लिए एक बड़ा उपहार है। जलसे का आरम्भ दारूल उलूम फरंगी महल के अध्यापक कारी कमरूद्दीन की तिलावत से हुआ। वहीं, एक मीनारा मस्जिद में जलसे को खिताब करते हुए कारी मोहम्मद सिद्दीक ने कहा कि इस्लाम में साफ-सफाई की बड़ी अहमियत है। मुसलमानों को चाहिए की वह हर वक्त पाक रहे। मौलाना ने कहा कि रसूल की जिदंगी का हर किरदार से इंसान सीख हासिल कर सकता है।