कमजोर पड़ने की जगह मानसून और मजबूत, 56 जिलों में वर्षा का अलर्ट
Lucknow News - सितम्बर के पहले सप्ताह के बाद मानसून कमजोर पड़ने के बावजूद, यूपी और उत्तराखंड में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। 11 सितम्बर से मानसून की ट्रफ लाइन उत्तर भारत की ओर लौटेगी, जिससे नदियों का जलस्तर बढ़...

मानसून की धारा सितम्बर के पहले सप्ताह के बाद कमजोर पड़ने लगती है पर इस बार मानसून फिलहाल जल्दी वापसी के मूड में नहीं है। खासतौर पर पश्चिमी यूपी समेत उत्तराखंड के लिए फिर परेशानी हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार 11 सितम्बर से मानसून की ट्रफ लाइन वापस उत्तर भारत यानी यूपी की ओर आएगी। ऐसे में तराई के जिलों में भारी बारिश का सिलसिला शुरू होने का पूर्वानुमान है। साथ ही उत्तराखंड में भी तीव्र वर्षा होने से यूपी की नदियां विकराल रूप ले सकती हैं। वहीं, गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ गया है, जिससे कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
कानपुर, हरदोई, चित्रकूट, प्रयागराज और आगरा में हालात बिगड़ रहे हैं। कई जगह रास्ते बंद हो गए हैं, फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पलायन करना पड़ रहा है। आगरा में बाढ़ देखने गए तीन दोस्त डूब गए। उनमें से एक की मौत हो गई। मानसून की अरब सागर से आने वाली मुख्य शाखा पहले कमजोर पड़ती है। मौजूदा समय में उसी स्थान पर डिप्रेशन यानी अवदाब की स्थिति बनी हुई है। यानी इस स्थान पर मानसूनी हवाएं पूरी तरह केन्द्रित हैं। ऐसे में हाल-फिलहाल मानसून कमजोर पड़ता नहीं दिख रहा है। अमौसी स्थित मौसम मुख्यालय ने सूबे के 56 जिलों के लिए बादल की गर्जना, बिजली चमकने के साथ बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। यानी अगले 24 घंटों में प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बौछार पड़ सकती है। साथ ही कुछ स्थानों पर बिजली गिरने का खतरा भी है। खीरी में 79 तो कानपुर शहर में 44 मिमी वर्षा सोमवार को लखीमपुर खीरी में भारी वर्षा दर्ज की गई। यहां पर शाम 5:30 बजे तक 79 मिलीमीटर वर्षा हुई। कानपुर शहर में 44.4, बाराबंकी में 38.4 और आगरा में 27.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। इन जिलों के लिए गरज-चमक के साथ बारिश का अलर्ट बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, जालौन, हमीरपुर एवं आसपास के इलाकों में। चित्रकूट और हरदोई में बाढ़ का संकट कानपुर के पास चित्रकूट में यमुना का जलस्तर बढ़ने से तिरहार क्षेत्र का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। राजापुर और मऊ जाने वाले रास्तों पर दो फीट तक पानी भर गया है। इसी तरह, हरदोई में गंगा, रामगंगा और गंभीरी नदियों का पानी 20 से अधिक गांवों में घुस गया है। हरदोई-कन्नौज मार्ग पर तीन फीट तक पानी भर जाने से आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है और करीब 40 गांवों की बिजली काट दी गई है। फर्रुखाबाद, उन्नाव और फतेहपुर में भी गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। प्रयागराज में गंगा-यमुना खतरे के करीब प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से खतरे के निशान (84.73 मीटर) के करीब पहुंच रहा है। फाफामऊ में गंगा 84 मीटर के ऊपर बह रही हैं, जबकि नैनी में यमुना भी उसी स्तर पर है। बाढ़ के कारण लगभग 10 हजार परिवार प्रभावित हुए हैं और एक हजार से अधिक लोग राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हो गए हैं। आगरा-मथुरा में भी यमुना का तांडव आगरा और मथुरा में यमुना नदी का जलस्तर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। आगरा में यमुना खतरे के निशान (499 फीट) से दो फीट ऊपर बह रही है। दयालबाग और बल्केश्वर जैसी पॉश कॉलोनियों में पानी भर गया है और लोग सुरक्षित जगहों पर जा रहे हैं। डौकी क्षेत्र में बाढ़ देखने गए तीन दोस्त यमुना में डूब गए, जिसमें से एक की मौत हो गई। मथुरा में यमुना खतरे के निशान (166 मीटर) से 1.64 मीटर ऊपर बह रही है, जिससे वृंदावन के कुछ हिस्सों और आश्रमों में पानी भर गया है। आगरा को राहत देने के लिए मथुरा के गोकुल बैराज से 1.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे आगरा में स्थिति और बिगड़ रही है। यहां यमुना नदी में आई बाढ़ देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। थाना डौकी क्षेत्र के मेहरा नाहरगंज में सोमवार को बाढ़ देखने गए तीन दोस्त डूब गए। आनन-फानन में गोताखोरों ने तीनों को बाहर निकाला। हालांकि, तब तक एक की मौत हो चुकी थी। गोरखपुर में नदियों के जलस्तर में गिरावट गोरखपुर में स्थिति थोड़ी बेहतर है। अयोध्या और तुर्तीपार में सरयू नदी का जलस्तर पिछले 24 घंटों में कम हुआ है। वहीं, राप्ती और रोहिन नदियों का जलस्तर भी लगातार घट रहा है, जो स्थानीय लोगों के लिए थोड़ी राहत की खबर है।
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