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कश्मीरी मोहल्ला वार्ड में सड़कें बनी कूड़ाघर, गंदगी व बदबू से जीना दुश्वार

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कश्मीरी मोहल्ला वार्ड में सड़कें बनी कूड़ाघर, गंदगी व बदबू से जीना दुश्वार
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 02 Jul 2018 08:39 PM
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फाजिलनगर व नूरबाड़ी छावनी में साफ-सफाई की व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल है। सड़कों पर गंदगी व कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। समय पर सफाई न होने से पूरे इलाके में गंदगी व बदबू का बोलबाला है। फाजिलनगर, टिकरी जुलाहन, गाड़ी अड्डा व छावनी नूरबाड़ी में सड़कों पर जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। नूरबाड़ी से दरगाह हजरत अब्बास जाने वाली सड़क तो पड़ाव घर में तब्दील हो चुकी है। कूड़े के ढेर की वजह से इस सड़क से आवागमन पूरी तरह से बंद हो चुका है। गंदगी व बदबू के कारण लोगों का जीना दुश्वार है। कई-कई दिनों तक कूड़ा उठान नहीं होता है। पार्षद समेत आसपास रहने वाले रहने वाले लोग अनगिनत बार जिम्मेदार अधिकारियों से इसकी शिकायत भी कर चुके हैं। इसके बावजूद आज तक पड़ाव घर हट पाया न ही कूड़े व गंदगी की समस्या दूर हो सकी। जिससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है। नालों की सफाई का भी बुरा हाल है। जहां-जहां सफाई के लिए जगह मिल गई। वहां तो ऊपर की गंदगी व सिल्ट साफ कर दी गई। लेकिन जहां-जहां नाले पूरी तरह से बंद है। वहां तो सफाई सालों से सिर्फ कागजों पर ही होती आ रही है। नालों की सही तरीके से सफाई न होने के कारण यहां रहने वाले लोगों को आए दिन जलभराव का सामना करना पड़ता है। हल्की बारिश में ही हाता नूर बेग, फाजिलनगर, पुल गुलाम हुसैन, नूरबाड़ी छावनी, पानदरीबा, खिड़की मीर आगा, टापेवाली गली, फाजिलनगर, टिकरी खुर्द,दफ्ती मीर आदि इलाकों में रहने वाले हजारों लोग घरों में कैद हो जाते हैं।

प्रमुख समस्याएं

जलभराव

हाता नूर बेग, नूरबाड़ी छावनी समेत दर्जन भर इलाकों में जलभराव की समस्या से लोगों का जीना मुहाल है। जलभराव से कुछ लोग अपना घर छोड़कर दूसरी जगह किराए के मकान में रहने को मजबूर हैं। हाता नूरबेग निवासी नूरुल हसन ने बताया कि जलभराव के कारण यहां रहना दुश्वार हो गया। बेटा अयाज बीत तीन महीने के अंदर उल्टी-दस्त व बुखार से तीन बार पीड़ित हो चुका है। फाजिलनगर में नाले चोक होने से गंदा पानी व मलबा सड़कों पर बहता रहता है।

साफ-सफाई

साफ-सफाई का बहुत ही बुरा हाल है। जगह-जगह सड़कों पर कूड़ा जमा रहता है। गंगेश्वर महादेव मंदिर के पीछे वाला तिल्ली मील मैदान कूड़े से पट चुका है। जिससे ज्यादातर मोहल्लों में गंदगी व बदबू का बोलबाला बना रहता है। गंदगी के कारण संक्रामक बीमारियों का अंदेशा बना रहता है।

पेयजल की समस्या

पानदरीबा व छावनी नूरबाड़ी समेत कई मोहल्लों में पेयजल का भीषण संकट है। 5-10 मिनट के लिए सप्लाई होने से लोग पीने तक पानी नहीं भर पाते हैं। कई-कई दिनों तक सप्लाई पूरी तरह से ठप रहती है। सबमर्सिबल टंकियों के सहारे लोग प्यास बुझा रहे हैं। पानी की टंकियां 6 मीटर तक भरने की बजाय सिर्फ 2 मीटर तक ही भर पा रही है। जिस कारण पानी घरों में पहुंचता ही नहीं है।

बातचीत

साफ-सफाई की व्यवस्था बुरी तरह से बदहाल चल रही है। तीन महीने से कूड़ा उठाने की व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है। सड़कें, खाली पड़े मैदानों व प्लाटों में कूड़े का अंबार लगा रहता है। सीवर लाइन न होने से खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साफ-सफाई के लिए सिर्फ 25 सफाई कर्मचारी तैनात हैं जबकि 60 से अधिक कमिर्यों की आवश्यकता है। जोनल अधिकारी को कई बार कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने समेत अन्य समस्याओं का समाधान करने के लिए कहा गया। लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

- पार्षद लईक आगा, कश्मीरी मोहल्ला वार्ड

बातचीत

जलभराव सबसे बड़ी समस्या है। जरा सी बारिश में इलाका तालाब में तब्दील हो जाता है। गलियां गंदगी व मलबे से पट जाती हैं। नालों का गंदा पानी घरों तक में घुस जाता है।

- आरिफ, नूरबाड़ी छावनी

जगह-जगह गंदगी व कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। बदबू के कारण घरों के अंदर व बाहर दोनों जगह रहना दुश्वार है। इलाके में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।

- अतीक अहमद, फाजिलनगर

सड़कें व नालियां जर्जर व बदहाल हालत में हैं। नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है। जिसकी वजह से सड़क पर चलना मुश्किल है। लगातार पानी बहने से सड़कें भी खराब हो जाती हैं।

- अम्मार, पुराना चबूतरा

आए दिन पेयजल संकट से जूझना पड़ता है। कई-कई दिन तक जलापूर्ति बाधित रहती है। 10-15 मिनट भी सप्लाई नहीं होती है। गंदे पानी की सप्लाई आम बात है।

- सरकार हुसैन, घंटा बेग गढ़ैय्या

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