मिशन शक्ति: मिट्टी के दीये बनाकर अच्छी आमदनी कर रही रंगीता
मोहनलालगंज के कमालपुर विचिलका की रंगीता, स्वयं सहायता समूह के तहत वर्मी कम्पोस्ट के साथ इस बार दीपावली में मिट्टी के दीपक बनाकर बाजार में बेच रही हैं। इससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। समूह के...
मोहनलालगंज के कमालपुर विचिलका की रंगीता, स्वयं सहायता समूह के तहत वर्मी कम्पोस्ट के साथ इस बार दीपावली में मिट्टी के दीपक बनाकर बाजार में बेच रही हैं। इससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। समूह के तहत काम करने से उनमें हिम्मत जागी है। वह अब समूह के बैनर तले बिजली के बिल भी गांव में ही जमा कर रही हैं। इसमें भी उन्हें चार पैसे बच रहे हैं। वहीं ग्रामीणों को बिल जमा करने के लिए दौड़ना नहीं पड़ता है। रंगीता की उद्यमिता को देख, गांव में उनका मान भी बढ़ा है। यही नहीं रंगीता ने नर्सरी का भी काम भी शुरू किया है।
मशरूम की खेती करके घर पक्का बना लिया
सरकारी योजनाओं से घर परिवार को संवारने और आत्मनिर्भर बनने की मिसाल हैं माल ब्लाक के अमलौली गांव की राजकुमारी मौर्या। पांच बच्चों का लालन पालन, घर- परिवार की जिम्मेदारियों के बीच भी इन्होंने अपनी हिम्मत से परिवार को गरीबी की रेखा से ऊपर उठा दिया। वह उजाला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी और 22 हजार रुपए का कर्ज लिया। मशरूम की खेती शुरू की। तकनीक सीखी, दिन-रात मेहनत की। वह बताती है कि मशरूम से आठ हजार रुपए प्रति माह तक बचा लेती हैं। कर्ज भी अदा कर दिया है। घर भी पक्का बनवा लिया है। इनसे प्रेरित होकर गांव की अन्य महिलाएं भी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ी हैं।