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मेधावी बोले: परीक्षा होती तो बेहतर होता

12 वीं के मेधावियों से बातचीत माही पटेल, 94.8 प्रतिशत एलपीएस बी ब्लॉक राजाजीपुरम...

मेधावी बोले: परीक्षा होती तो बेहतर होता
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSat, 31 Jul 2021 10:21 PM
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12 वीं के मेधावियों से बातचीत

माही पटेल, 94.8 प्रतिशत

एलपीएस बी ब्लॉक राजाजीपुरम की छात्रा माही पटेल ने 12 वीं की परीक्षा में 94.8 प्रतिशत अंकों के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की है। भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान व बायोलॉजी में 96 अंक मिले हैं। हिन्दी में 94 व अंग्रेजी में 92 अंक आए हैं। आईएएस की तैयारी स्नातक के साथ ही शुरू करनी है। आईएएस बनकर गरीब और वंचित वर्ग को उनका अधिकार दिलाना उद्देश्य है। खाली समय में पेंटिंग बनाना पसंद है। माही का मानना है कि परीक्षा की पूरी तैयारी की थी। पिता सुधीर कुमार एलपीएस में शिक्षक हैं। मां मंजू लता देवी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं।

जागृति सिंह, 92.4 प्रतिशत

एलपीएस बी ब्लॉक राजाजीपुरम की छात्रा जागृति ने 92.4 प्रतिशत अंक लाकर 12 वीं की परीक्षा पास की है। आईएस बनने का लक्ष्य है। हिन्दी, गणित व भौतिक विज्ञान मे 94 अंक हासिल हुए हैं। वहीं रसायन विज्ञान में 91 व कम्प्यूटर में 89 अंक आए हैं। पढ़ाई के बाद समय मिलने पर बैडमिंटन खेलना पसंद है। उनका कहना है कि परीक्षा न होने से पढ़ने वाले बच्चों का नुकसान हुआ है। पिता ब्रिजेन्द्र बहादुर सिंह शिक्षक हैं। मां शान्ति सिंह गृहणी हैं।

तनुषी अग्निहोत्री, 90.8 प्रतिशत

एलपीएस बी ब्लॉक राजाजीपुरम की छात्रा तनुषी अग्निहोत्री ने 90.8 प्रतिशत अंक के साथ 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है। अब आईआईटी से बीटेक करने का लक्ष्य है। गणित में 93, हिन्दी में 92 अंक, भौतिक विज्ञान में 93, रसायन विज्ञान में 90 और कम्प्यूटर में 86 अंक मिले हैं। पढ़ाई के साथ गाने सुनने का शौक है। पिता कृष्ण कुमार अग्निहोत्री सिंचाई विभाग में कार्यरत हैं। मां निधि अग्निहोत्री गृहणी हैं।

राज वर्मा, 90 प्रतिशत

बाल गाइड इंटर कॉलेज गोसाईगंज के छात्र राज वर्मा ने 12 वीं की परीक्षा 90 प्रतिशत अंक पाए हैं। गणित में 96 अंक, रसायन विज्ञान में 92, भौतिक विज्ञान में 91, हिन्दी में 88 व अंग्रेजी में 83 अंक मिले हैं। आईआईटी से बीटेक करना लक्ष्य है। दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने का शौक है। पिता शैलेन्द्र प्रताप सिंह जनरल स्टोर चलाते हैं। मां रेशमा वर्मा गृहणी हैं।

शिक्षाविदों की राय

परीक्षा का कोई विकल्प नहीं है। बोर्ड परीक्षा हुई होती तो और बेहतर रहता। बच्चों ने परीक्षा की पूरी तैयारी की थी। बच्चे मानकर चल रहे थे कि परीक्षा होगी। ऐन मौके पर परीक्षा न कराने का निर्णय लिया गया था। शुक्र है कि 10 वीं और 12 वीं के परिणाम समय पर आ गए, इससे अगला सत्र लेट नहीं होगा।

मनीष सिंह

निदेशक, एसकेडी एकेडमी

कोराना महामारी के कारण बच्चों की पढ़ाई का बहुत अधिक नुकसान हुआ है। जिसकी भरपाई इतनी आसान नहीं है। इसके लिए अब बहुत अधिक मेहनत करनी होगी। बोर्ड परीक्षा न होने से इस सत्र के बच्चे भी पढ़ाई को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। अधिकांश बच्चों को लग रहा है कि कोरोना जल्दी नहीं जाएगा। इस बार भी बोर्ड परीक्षा नहीं होगी। सरकार को जल्द से जल्द स्कूल खोलकर सर्कुलर जारी करना चाहिए कि इस बार बोर्ड परीक्षा जरूर होगी।

एसएल मिश्रा

प्रधानाचार्य, अमीनाबाद इण्टर कॉलेज

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