मेडिटेशन और लक्ष्य पहुंचाएगा सफलता की सीढ़ी तक
99 फीसदी विषयों में नम्बर आना सफलता की निशानी नहीं है बल्कि काबलियत के बल पर लक्ष्य को पाना जिंदगी का महत्वपूर्ण पड़ाव होगा। क्योंकि दुनिया भी अब भारत की तरफ केवल सस्ते लेबर के लिए नहीं बल्कि यहां की...
99 फीसदी विषयों में नम्बर आना सफलता की निशानी नहीं है बल्कि काबलियत के बल पर लक्ष्य को पाना जिंदगी का महत्वपूर्ण पड़ाव होगा। क्योंकि दुनिया भी अब भारत की तरफ केवल सस्ते श्रमिक के लिए नहीं बल्कि यहां की काबलियत पर नजर रख रही है। इसीलिए युवा अपनी क्षमताओं में तकनीकी को जोड़े और अपनी नई पहचान बनाएं। इन्हीं जानकारियों के साथ गौर कामर्स हाउस ने छह स्कूलों के छात्र-छात्राओं को ‘नेशनल इनकम पर एक कार्यक्रम आयोजित किया।
लक्ष्य प्राप्ति के लिए ध्यान जरूरी
रविवार को इन्दिरानगर में भूतनाथ बाजार के दूसरे तल पर गौड़ कामर्स हाउस ने नेशनल इनकम (राष्ट्रीय आय) विषय पर एक कार्यक्रम हुआ। श्रीश्री रविशंकर के मीडिया कोआर्डिनेटर (यूपी) अगम सक्सेना ने बताया कि मेडिटेशन (ध्यान) और लक्ष्य से ही अब सफलता की सीढ़ियां चढ़ी जा सकती हैं। क्योंकि अक्सर परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राएं तनाव में आकर पढ़े हुए सवालों को भी सही तरीके से लिख या प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं।
फोकस में रखें लक्ष्य
ऐसे में मेडिटेशन एक सरल साध्य होगा जो इस परेशानी से दूर करने के लिए छात्रों को मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य साधने के लिए व विश्राम पाने के लिए कुछ तो करना होगा। यदि हम पढ़ते समय अपने फोकस में लक्ष्य को रखें और स्थित मन रखकर शांत रहें जो ‘मेडिटेशन से ही संभव है। उन्होंने बताया कि अभी तक भारत की पहचान पूरे विश्व में केवल श्रम साध्य लोगों की रही है। इधर कुछ वर्षों में भारत ने दुनिया में तकनीक की दृष्टि से भी अपनी पहचान बनाई है। यह आने वाले नए भारत के लिए सही भी है। इस आयोजन में सोनाली, अदिति, इशिता, इशानी और आयुष समेत अन्य छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।