मलेशिया रामायण
विदेशी कलाकारों ने देसी अंदाज में दिखाई रामकथा
विदेशी कलाकारों ने देसी अंदाज में दिखाई रामकथा
-आईसीसीआर का कार्यक्रम,मलेशिया के भरतनाट्यम कलाकारों की सुंदर प्रस्तुति
लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता
बात भारतीय संस्कृति की हो और कही विदेशी कलाकारों द्वारा जाए वह और भी अद्भुत लगने लगती है। गुरुवार को यही अद्भुत दृश्य देखने को मिला उप्र पर्यटन भवन सभागार में, जहां भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद की ओर से रामयण की विशेष प्रस्तुति की गई। यह प्रस्तुति परिषद द्वारा दिल्ली में आयोजित चौथे अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव का हिस्सा थी।
यहां मलेशिया से आए 11 सदस्यीय भरतनाट्यम नृत्य दल के कलाकारों ने रामायण के कुछ प्रसंगों की सुंदर प्रस्तुति एक नृत्य नाटिका के रूप में थी। कुल 60 मिनट की इस प्रस्तुति में 5 दृश्य शामिल थे। नृत्य नाटिका की शुरुआत ऋषि विश्वामित्र के अयोध्या आगमन से होती है, जहां वह राजा दशरथ से उनके दो पुत्रों राम व लक्ष्मण को मांगकर अपने साथ ले जाते हैं। उनके आश्रम में यज्ञ को राक्षसों से बचाने से लेकर मिथिला की पुष्पवाटिका में श्रीराम व सीता की भेंट...फिर सीता स्वयंवर का प्रसंग...राजा दशरथ द्वारा श्रीराम के राज्याभिषेक की घोषणा के बाद मंथरा के भड़काने पर कैकेयी की षड्यंत्र...श्रीराम के वनगमन के समय जंगल के रास्तों पर मारीचि व सुबाहु जैसे राक्षसों का वध और उसके बाद राम-रावण युद्ध जैसे कई प्रसंग यहां कलाकारों ने भरतनाट्यम के भावों संग प्रस्तुत किए। नृत्य नाटिका समाप्त हुई तो दर्शक इतने भावविभोर थे कि उन्होंने खड़े होकर कलाकारों का अभिवादन किया। कार्यक्रम का संचालन प्रतुल जोशी कर रहे थे।
कलाकार- कुमुदनी नदाराजा, गणेशन मुनुसामी, पी मलीगा पेरूमल, एम कमलादेवी वी मनियम, पेमा बालाकृष्णन, सरला रागवन, परमेश्वरी मनियम, दीलान्या रूबी, परमज्योति मुथुवेलू, शीला देवी सलीतोरे, गोपीनाथन उदरमनि।