प्रसूताओं को नवरात्रे में व्रत से बरतनी होगी सावधानी
गर्भावस्था के दौरान जहां डॉक्टर एक तरफ पोषक आहार लेने की सलाह देते हैं वहीं दूसरी ओर व्रत में सामान्य खाने-पीने से महिलाएं दूरी बरतती हैं। इन दोनों परिस्थितियों के बीच जच्चा-बच्चा का स्वास्थ्य पर असर...
गर्भावस्था के दौरान जहां डॉक्टर एक तरफ पोषक आहार लेने की सलाह देते हैं वहीं दूसरी ओर व्रत में सामान्य खाने-पीने से महिलाएं दूरी बरतती हैं। इन दोनों परिस्थितियों के बीच जच्चा-बच्चा का स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। डॉक्टर सिंह बताती हैं कि गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद महिलाओं के शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी हो जाती हैं, ऐसे में संपूर्ण आहार न लेने से शरीर में कमजोरी बढ़ सकती है।
गर्भावस्था में निर्जला व्रत से भरतें दूरी
स्त्री विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को हर दिन 2.3 लीटर पानी का सेवन करना चाहिए, ऐसे में डॉक्टर सलाह देते हैं कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को निर्जला उपवास रखने से बचना चहिए। महिलाओं के शरीर में पानी की कमी से बच्चे को भी परेशानी हो सकती है इसलिए निश्चित समय पर पानी पीना बेहद जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान ही नहीं बल्कि शिशु होने के बाद भी महिलाओं में पानी की कमी से अक्सर समस्याएं आ जाती हैं इसलिए शरीर में पानी की पूर्ति होना आवश्यक है। कम पानी पीने के कारण महिलाओं में एमनीओटिक एसिड की कमी आ सकती है, ये एसिड शरीर में भ्रूण को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी होता है।
वर्जन
ऐसी महिलाएं जिन्हें उच्च रक्तचाप, एनीमिया या किसी अन्य तरह की स्वास्थ्य समस्या है उन्हें व्रत रखने से परहेज करना चाहिए।
-सुधा वर्मा सीएमएस झलकारीबाई अस्पताल