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पुस्तक मेला

प्राइमरी के बच्चों के हुनर से सजा पुस्तक मेला

पुस्तक मेला
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊFri, 27 Apr 2018 09:40 PM
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-उप्र संगीत नाटक में शुरू हुआ अंकुरम शिक्षा महोत्सव व लखनऊ पुस्तक मेला

लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता

जहां अभिनय, गीत-संगीत, घुंघरुओं की झनकार और तबले की थाप गूंजती है...पहला मौका था कि वहां पढ़ले-पढ़ाने की बातें हुईं...किताबों की दुनिया सजी और प्राथमिक स्कूल के बच्चों का हुनर सामने आया।

उप्र संगीत नाटक अकादमी परिसर में शुक्रवार से लखनऊ पुस्तक मेला शुरू हुआ है। अभी तक यह मेला मोती महल वाटिका में लगता था लेकिन इस बार किन्हीं कारणों से इसे अकादमी में लगाया गया है। पुस्तक मेले की थीम 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' रखी गई है और खास बात यह कि पुस्तक मेले के साथ ही यहां अंकुरम शिक्षा महोत्सव भी शुरू हुआ है। महोत्सव के अंतर्गत लगी प्रदर्शनी में लगभग 10 जिलों से आए प्राइमरी स्कूल के बच्चों का बेशकीमती हुनर नजर आ रहा है।

6 मई तक चलने वाले इस मेले का उद्घाटन पूर्व मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश अतुल कुमार गुप्ता और आलोक रंजन ने किया। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को यहां आना था लेकिन किन्हीं वजहों से वह आ नहीं पाए। उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए आलोक रंजन ने यहां कहा कि सरकारी प्राथमिक स्कूलों का शिक्षा स्तर उठाने के और कारगर प्रयास होने चाहिए, दुर्भाग्य है कि हमारी शिक्षा प्रणाली बंट गई है। पुस्तक मेले जैसे ऐसे आयोजन विशेषकर नई पीढ़ी में रुचि जगाने और शिक्षा का स्तर ऊपर उठाने में मददगार होंगे। वहीं अतुलकुमार गुप्ता ने कहा कि किताबों से अच्छा कोई मित्र नहीं होता। इंटरनेट के इस युग में भी किताबों में ठहरे साहित्य या शब्दों की महत्ता न कम हुई है, न कभी कम होगी। मेला संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने कहा कि उम्मीद है कि नई जगह पर हो रहा यह पुस्तक मेला नए पाठक भी बनाएगा। अंकुरम शिक्षा महोत्सव आयोजित करने वाले आईकेयर इंडिया के संस्थापक अनूप गुप्ता ने इन्द्रधनुष कार्यक्रम के बारे में बताया। खलील खान के संचालन में हुए उद्घाटन समारोह में संरक्षक मुरलीधर आहूजा, एडवोकेट बाबू रामजी दास, प्रदेश ओलम्पिक संघ के उपाध्यक्ष टीपी हवेलिया, शिक्षासेवी हरिओम शर्मा, आकर्ष चंदेल व समाजसेवी सुशील दुबे ने भी विचार व्यक्त किए।

पहले दिन गीत-संगीत से सजी शाम: पुस्तक मेले के सांस्कृतिक मंच पर शाम को 'रूबरू ग्रुप' के कलाकारों अजय, आलेख, फेलिक्स, जूडिथ, एनी, अश्विनी, अवीना, खुशबू, एल्विन, अजीन क्लिंटन आदि ने ग्रुप लीडर अभिषेक बेनेडिक्ट के साथ बेहतरीन म्यूजिकल कार्यक्रम पेश किया।

कम हैं प्रकाशक: मेले में लगभग 70 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें से लगभग 60 पर किताबें मिल रही हैं। अखरने वाली बात यह है कि हिन्दी के प्रमुख प्रकाशक वाणी, किताबघर, राजकमल, राजपाल एंड संस आदि के स्टॉल यहां नजर नहीं आ रहे। हालांकि इनमें से कुछ की किताबें यहां सुभाष प्रकाशन की स्टॉल पर मौजूद हैं। साथ ही मेले की थीम 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' भी मेले में कहीं सार्थक होती नहीं दिख रही।

मेले में आज-

दोपहर 3 बजे- बाल काव्य समारोह

शाम 5 बजे- पैनल डिस्कशन- गुणवत्ता मूल्यों पर

शाम 7 बजे- ओपेन माइक सेशन

रात 8 बजे- कवि सम्मेलन

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