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एलयू :अपनों से दूर रहकर योग के सहारे तनाव से लड़ रहे विदेशी छात्र

- बलरामपुर और निवेदिता छात्रावास में रह रहे विदेशी छात्र-छात्राओं ने योग को बनाया हथियार, विश्वविद्यालय ने शुरू किया प्रशिक्षण...

एलयू :अपनों से दूर रहकर योग के सहारे तनाव से लड़ रहे विदेशी छात्र
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSun, 03 May 2020 07:44 PM
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- बलरामपुर और निवेदिता छात्रावास में रह रहे विदेशी छात्र-छात्राओं ने योग को बनाया हथियार, विश्वविद्यालय ने शुरू किया प्रशिक्षण कार्यक्रम

लॉकडाउन से बस बंद है। लखनऊ विश्वविद्यालय में करीब 30 से ज्यादा विदेशी छात्र यहां फंसे हैं। कोरोना संक्रमण जैसा खतरा और अपनों से हजारों किलोमीटर दूर इन हालातों में तनाव होना लाजमी है। इन विदेशी छात्रों ने लखनऊ विश्वविद्यालय के सहयोह से इस तनाव को भगाने का रास्ता निकाल लिया है। ये योग के सहारे इससे लड़ रहे हैं। विश्वविद्यालय की टीम भी इसमें पूरा साथ दे रही है। यहां के विशेषज्ञों ने इनके तनाव से दूर रखने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम तक विकसित किया है। इसकी शुरुआत शुक्रवार से की गई है। यहां, छात्रों को प्रतिरोध क्षमताओं को बढ़ाने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

बता दें कि लखनऊ विश्वविद्यालय में अफगानिस्तान, श्रीलंका, नेपाल समेत कई अफ्रीकी देशों के छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। ये बलरामपुर और निवेदिता छात्रावास में रहते हैं। बीते दिनों, लॉकडाउन के बाद ज्यादातर छात्र यहीं फंस गए हैं। लॉकडाउन-1, लॉकडाउन-2 और अब लॉकडाउन-3 शुरू होने जा रहा है। ऐसे में अपने घरों से हजारों किलोमीटर दूर रह रहे इन छात्रों का तनावग्रस्त होना लाजमी है। लखनऊ विश्विद्यालय के योग संस्थान के शिक्षक डॉ. अमरजीत यादव ने बताया कि कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने इन विदेशी छात्रों की समस्या को समझकर इनके लिए विशेष कार्यक्रम विकसित करने के निर्देश दिए थे। उनके दिशा निर्देशों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है।

कोरोना से लड़ने के लिए कर रहे तैयार : डॉ. अमरजीत यादव ने बताया कि छात्रों के लिए विकसित इस विशेष कार्यक्रम में उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमताओं को भी बढ़ाने पर जोर है। शुरुआत योगिक सुक्ष्म व्यायाम के साथ की जा रही है। आसन में उन्हें वृक्षासन, ताड़ासन, त्रिकोणासन, भुंजगासन और पवन मुक्त आसन का अभ्यास कराया जा रहा है। इसके अलावा, प्राणायाम में अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका , कपालभाती और ध्यान के साथ आहार, तथा आदर्श जीवनचर्या का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे शरीर में सकारात्मक हॉर्मोन विकसित होंगे और छात्रों की रोग प्रतिरोधक क्षमताओं में काफी इजाफा होगा।

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