लविवि : अध्ययन मंडल व संकाय परिषद के फैसले शून्य घोषित
LU: Board of Study and Faculty Council decisions declared vacant
- शिक्षा संकाय का मामला, कुलसचिव ने की कार्रवाई
लखनऊ। कार्यालय संवाददाता
लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय के अध्ययन मंडल और संकाय परिषद की हाल में हुई बैठक में लिए गए सभी फैसलों को विश्वविद्यालय प्रशासन ने शून्य घोषित कर दिया है। इन बैठकों में लिए गए फैसले मान्य नहीं होंगे। विभाग के शिक्षकों के पदों को लेकर खड़े हुए विवाद के बाद यह फैसला लिया गया। इस संबंध में कुलसचिव एसके शुक्ल ने विभागाध्यक्ष को पत्र जारी किया है। यह कार्रवाई विभाग के ही एक छात्र प्रशांत पांडेय की शिकायत पर की गई है। छात्र ने राजभवन में शिकायत थी। जिसमें, बैठक में शामिल शिक्षकों के द्वारा निर्धारित मानक पूरे न किए जाने की बात कही थी।
कुलसचिव ने पत्र में लिखा है कि विभागाध्यक्ष द्वारा कुलपति को दी गई सूची में शिक्षा संकाय के शिक्षकों की वरिष्ठता सूची में डॉ. अर्चना अग्रवाल तथा डॉ. अपर्णा गोडबोले को सह आचार्य पद नाम दर्शाया गया है। जबकि, विश्वविद्यालय के वर्तमान अभिलेखों में डॉ. अर्चना अग्रवाल तथा डॉ. अपर्णा गोडबोले सहायक शिक्षक पद पर ही कार्यरत हैं। जिसके फलस्वरूप नियमानुसार अर्ह शिक्षकों का प्रतिनिधित्व उन समितियों में नहीं हो सका है। विभागाध्यक्ष को जारी पत्र में इस संबंध में जवाब भी मांगा गया है। उधर, विभागाध्यक्ष प्रो. अमिता बाजपेई का कहना है कि उन्होंने 2017 में विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी। वर्ष 2014 से इन दोनों शिक्षकों को सह आचार्य पद का ग्रेड पे मिल रहा है। विश्वविद्यालय के ही एक विभाग की ओर से जारी सैलेरी स्लिप में इन्हें सह आचार्य बताया गया है। अध्ययन मंडल व संकाय परिषद में सह आचार्य को रोटेशन के हिसाब से रखा जाता है। पिछले सदस्यों को समय पूरा होने पर इन्हें समितियों में जोड़ा गया है। उन्होंने साफ किया है कि विभाग के स्तर पर कोई त्रुटि नहीं हुई है।