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Lok Sabha Elections 2019 : बहराइच लोकसभा सीट से आठ बार जीते बाहरी प्रत्याशी

वर्ष 1950 में संविधान लागू होने और भारत के गणराज्य होने के बाद से अब 16 लोकसभा चुनाव हुए हैं। इनमें अब तक बहराइच संसदीय सीट से आठ बार बाहरी प्रत्याशी चुनाव जीते। सांसदों का रिपोर्ट कार्ड देखिए तो...

Lok Sabha Elections 2019 : बहराइच लोकसभा सीट से आठ बार जीते बाहरी प्रत्याशी
अजय त्रिपाठी, बहराइच  | Fri, 15 Mar 2019 04:17 PM
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वर्ष 1950 में संविधान लागू होने और भारत के गणराज्य होने के बाद से अब 16 लोकसभा चुनाव हुए हैं। इनमें अब तक बहराइच संसदीय सीट से आठ बार बाहरी प्रत्याशी चुनाव जीते। सांसदों का रिपोर्ट कार्ड देखिए तो बमुश्किल चार सांसद ऐसे मिलेंगे, जब जिले ने विकास में कोई उल्लेखनीय प्रगति की हो। शेष ने चुनाव जीतने के बाद बहराइच की ओर रुख नहीं किया।

नेपाल सीमा पर बसे भारत के इस आखिरी जिले का दुर्भाग्य है कि यह रेलमार्ग से प्रदेश मुख्यालय से नहीं जुड़ पाया है। बहराइच में पहली बार बाहरी प्रत्याशियों में वर्ष 1967 में फैजाबाद के डीएम रहे कुमार केके नैयर रहे। श्री नैयर के कार्यकाल के दौरान अयोध्या में गर्भ गृह में रामलला की मूर्ति रखी गई थी। इसी के बाद उनका राजनीति में आगमन हुआ। उस चुनाव में नैयर बहराइच से और उनकी पत्नी शकुंतला नैयर कैसरगंज से मैदान में उतरे और दोनों विजयी रहे।  

चुनाव जीतने के बाद बहराइच वाले उन्हें देखने के लिए तरस गए। 1977 के चुनाव में पश्चिमी यूपी के ओमप्रकाश त्यागी जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने आए और कांग्रेस विरोधी लहर का फायदा उठाते हुए चुनाव जीत गए। जीतने के बाद त्यागी भी बहराइच नहीं लौटे।
वर्ष 1980 के लोकसभा चुनाव में बहराइच से कांग्रेस के टिकट पर मौलाना मुजफ्फर हुसैन किछौछवी चुनाव लड़ने आए और मतदाताओं के सत्ता परिवर्तन की मनोदशा का लाभ उठाते हुए वह भी चुनाव जीत गए लेकिन बहराइच में उनकी कोई सहभागिता नजर नहीं आई।

तीन बार जीते आरिफ पर बहराइच को कुछ न मिला
वर्ष 1984 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर बुलंदशहर जनपद के मूल निवासी आरिफ मोहम्मद खान लड़ने आए और इन्दिरा लहर का लाभ उठाते हुए भारी मतों से चुनाव जीत गए। इसके बाद आरिफ बहराइच में जमीन लेकर बस गए और 1989 में नौवां लोकसभा चुनाव भी जीतने में सफल रहे। 1998 में आरिफ बसपा के टिकट से चुनाव जीतने में सफल रहे। फिर उनका बहराइच से मोहभंग हो गया।

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कमल किशोर के कार्यकाल में भी विकास नहीं
वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कमल किशोर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और कर्जमाफी तथा मनरेगा का लाभ उठाते हुए चुनाव जीतने में सफल रहे। पूरा कार्यकाल कमल किशोर का भी बीत गया, लेकिन उनके नाम पर क्षेत्र के विकास का कोई चिह्न नहीं है। अब तक बहराइच से आठ बार दूसरे जिले के निवासी चुनाव मैदान में आए और जीतकर चले गए। 

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