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पेट की चर्बी, खाल से बनाया महिला का स्तन

-लोहिया संस्थान के सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने दो महिलाओं को दी नई...

पेट की चर्बी, खाल से बनाया महिला का स्तन
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSat, 21 Jul 2018 07:36 PM
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-लोहिया संस्थान के सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने दो महिलाओं को दी नई जिंदगी -स्तन कैंसर की महिला मरीज को दूसरा स्तन लगाया, मरीज की ओवरी के पांच किलो के ट्यूमर को निकाला लखनऊ। निज संवाददाता लोहिया संस्थान में पहली बार डॉक्टरों ने एक महिला के स्तन कैंसर का इलाज कर उसे नया स्तन लगाया है। इसमें डॉक्टरों ने स्तन कैंसर की 24 गांठों को तोड़कर महिला के शरीर से निकाला। अब इस महिला की कीमोथेरेपी की जाएगी। वहीं, डॉक्टरों ने एक महिला की ओवरी के पांच किलो के ट्यूमर को निकालकर नई जिंदगी दी है। दोनों ही महिलाएं पूरी तरह से स्वस्थ हैं। सर्जिकल आंकोलॉजी के डॉ. विकास शर्मा व उनकी टीम के डॉ. अखलाख, एनेस्थीसिया की डॉ. समीक्षा, ओटी असिस्टेंट जियाउल, सिस्टर तृप्ति समेत अन्य स्टाफ ने सभी ऑपरेशन में पूरा सहयोग किया। डॉ. विकास ने बताया कि बीते 15 दिन में उनकी टीम ने इन दो महिला मरीजों का ऑपरेशन कर जान बचाई है। 24 टुकड़ों में निकाली कैंसर गांठ डॉ. विकास और डॉ. अखलाख ने बताया कि लखनऊ की ही एक महिला (45) को स्तन कैंसर था। जब जांच की गई तो पता चला कि स्तन का कैंसर कांख तक पहुंच गया था। स्तन से फैलता हुआ कैंसर कांख के पास एक बड़ी गांठ के रूप में फैला हुआ था। कांख की इस बड़ी गांठ को करीब 24 टुकड़ों में निकाला गया। पेट की चर्बी और खाल से बनाया स्तन डॉक्टरों की टीम ने महिला के स्तन को पहले काट दिया। फिर अंदर से कांख की गांठ को तोड़कर निकाला। डॉक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट के आसपास की चर्बी और खाल को निकालकर महिला का नया बायां स्तन बनाया गया। लोहिया संस्थान में ऐसा स्तन कैंसर का ऑपरेशन पहली बार किया गया। महिला मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया है। अब उसकी दो सप्ताह बाद से कीमोथेरेपी शुरू होगी, जो कि कुछ समय चलेगी। ओवरी के पांच किलो ट्यूमर को निकाला सर्जिकल आंकोलॉजी के डॉक्टरों की इसी टीम ने मऊ जिले की विद्यावती (50) के ओवरी के करीब पांच किलोग्राम के ट्यूमर को बिना तोड़े निकालने में सफलता हासिल की। डॉ. विकास ने बताया कि इस मरीज को बाएं तरफ ओवरी में ट्यूमर था। महिला अभी अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में ऑपरेशन के बाद से शिफ्ट कर दी गई है। मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है। दो माह से बढ़ रहा था पेट डॉक्टरों ने बताया कि महिला मरीज के पेट में तेज दर्द की समस्या दो माह पहले उठी थी। पहले महिला निजी डॉक्टर के पास गई थी, लेकिन वहां उसे लाभ नहीं मिला। उसके बाद वह लोहिया संस्थान पहुंची। पेट तेजी से फूल रहा था। भूख नहीं लगती थी, सांस लेने में भी बहुत तकलीफ होने लगी थी। महिला चलने, उठने या कहीं भी आने-जाने में असहज थी। मल-मूत्र में दिक्कत थी। बाएं ओवरी की इस बड़ी गांठ (ट्यूमर) ने बच्चेदानी को धकेलकर दाहिनी ओर कर दिया था, पेशाब की थैली और बड़ी आंत से गांठ चिपक गई थी। शुक्रवार को ऑपरेशन हुआ। करीब 35 हजार रुपये खर्च आया। निदेशक ने डॉक्टर टीम को सराहा लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. दीपक मालवीय और सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. आशीष सिंघल ने एक माह में तीन जटिल ऑपरेशन करने वाले युवा डॉक्टरों की टीम को सराहना की। उन्होंने कहा कि सर्जिकल आंकोलॉजी के डॉक्टरों की टीम बहुत अच्छा काम कर रही है। साथ ही संस्थान को बुलंदियों पर ले जाने, मरीजों पर भरोसा बनाने में बहुत अच्छा योगदान दे रही है। कैंसर के सभी तरह के ऑपरेशन सफलता से किए जा रहे हैं।

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