गाड़ियों की फाइल अब ऑनलाइन आरटीओ कार्यालय पहुंचेंगी
एक क्लिक पर वाहन मालिक का ब्यौरा सिस्टम पर नजर आएगा
एक क्लिक पर वाहन मालिक का ब्यौरा सिस्टम पर नजर आएगा
पेपरलेस होगा आरटीओ कार्यालय, गाड़ी ट्रांसफर में स्कैन प्रत्रावलियों से मिलेगी मदद
लखनऊ। निज संवाददाता
शोरूम से खरीदी जाने वाली दो व चार गाड़ियों की फाइल अब सीधे ऑनलाइन व्यवस्था के तहत आरटीओ कार्यालय पहुंचेगी। इस सुविधा से फाइलों को शोरूम से पहुंचाने का झंझट खत्म हो जाएगा। साथ ही गाड़ी की आरसी भी ऑनलाइन शोरूम पहुंचेगी। जहां से गाड़ी मालिक एक सप्ताह के अंदर रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र हासिल कर सकेगा।
यूपी में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर यह सुविधा देवा रोड स्थित एआरटीओ कार्यालय पर 15 अप्रैल से शुरू होगी। यह जानकारी देते हुए परिवहन आयुक्त कार्यालय पर तैनात आईटी हेड आरटीओ संजय नाथ झा ने बताया कि शोरूम से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ अब ऑनलाइन वाहनों के फाइल भेजने की सुविधा शुरू की जा रही है। शोरूम से 20 नंबर रजिस्ट्रेशन फार्म, बीमा सहित गाड़ी के कागजात व वाहन स्वामी का प्रपत्र स्कैन करके ऑनलाइन आरटीओ कार्यालय भेज दिया जाएगा। जहां तीन दिन के अंदर गाड़ी नंबर का आवंटन करते हुए रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र जारी हो जाएगा। इस सुविधा के गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरा हो जाएगा। और वाहन स्वामी को गाड़ी के रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए शोरूम और आरटीओ कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
जुगाड़ से नहीं मिल पाएगा अच्छा नंबर
नई गाड़ी खरीदने के बाद वाहन स्वामी जुगाड़ लगाकर अच्छे नंबरों की मांग करते है। नई व्यवस्था के तहत जुगाड़ के सहारे नंबर मिलना संभव नहीं होगा। वर्तमान में वाहनों के एक सीरीज में 9999 नंबर होते है। इनमें 343 नंबर वीआईपी की श्रेणी में आते है। बाकी नंबरों में कई नंबर ऐसे है जिन्हे पाने के लिए सत्ता के गलियारे से लेकर आलाधिकारियों की फोन आरटीओ के पास आते है। ऑनलाइन फाइल पहुंचने और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू होने से जुगाड़ के सहारे नंबर मिलना बंद हो जाएगा।