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अपनों को छोड़ दूसरी दुनिया के सफर पर निकला 'आर्यन'

-उसको चाहने वालों, डाक्टरों और कीपरों के नहीं थम रहे थे आंसूलखनऊ। वरिष्ठ संवाददातालंबे समय से बीमार चल रहे लखनऊ प्राणि उद्यान के सफेद बाघ 'आर्यन' ने शुक्रवार सुबह अपने चहेतों से विदाई ले ली। उसकी मौत...

अपनों को छोड़ दूसरी दुनिया के सफर पर निकला 'आर्यन'
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊFri, 24 Nov 2017 06:26 PM
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-उसको चाहने वालों, डाक्टरों और कीपरों के नहीं थम रहे थे आंसू

लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता

लंबे समय से बीमार चल रहे लखनऊ प्राणि उद्यान के सफेद बाघ 'आर्यन' ने शुक्रवार सुबह अपने चहेतों से विदाई ले ली। उसकी मौत की खबर फैलते ही उसको बचपन से पालने वाले कीपर, उसका इलाज कर रहे डाक्टरों और उन छोटे-छोटे बच्चों में शोक की लहर दौड़ गई जिन्होंने पिछले साल उसका जन्मदिन मनाया था और हाल में ही उसके अच्छे हो जाने की प्रार्थना भगवान से की थी।

शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। उसकी उम्र के बराबर फूल-मालाओं, बुके से उसको श्रद्धांजलि के बाद चिकित्सकों ने उसका पोस्टमार्टम किया। लगभग 17 वर्ष का आर्यन लंबे समय से बीमार चल रहा था। एक महीने से उसकी खुराक भी घट गई थी। वृद्धावस्था के चलते उसके हावभावों को देखते हुये चिकित्सकों और कीपरों की टीम नवंबर के पहले हफ्ते से उसकी बाड़े में ही देखरेख कर रहे थे। बीते एक हफ्ते से उसका मूवमेंट न के बराबर थी। ग्लूकोज के अलावा अलावा उसे मीट सूप दिया जा रहा था।

कीपर मुबारक अली और हसन के नहीं रुक रहे थे आंसू

आर्यन को बचपन से पालने और उसकी मृत्यु होने के आखिरी पल तक उसकी देखरेख करने वाले कीपर मुबारक अली और हसन के तो आंसू ही नहीं रुक रहे थे। अपना सर्वाधिक समय आर्यन के साथ बिताने वाले कीपरों के पास आर्यन की मौत के बाद कोई शब्द नहीं था। उन्होंने कहा कि बच्चे की तरह जिसे पाला वो सामने ही चला गया। इसका दुख उन्हें जिंदगी भर रहेगा।

वृद्धावस्था ने कर दिया था कमजोर

चिकित्सकों के मुताबिक वृद्धावस्था के चलते आर्यन शारीरिक बदलावों से जूझ रहा था। प्राणि उद्यान प्रशासन के मुताबिक नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान लखनऊ का सफेद बाघ आर्यन बूढ़ा हो चला था।

2001 में पैदा हुआ था आर्यन

आर्यन 2001 में पैदा हुआ। उसकी मां का नाम रीमा और पिता का नाम रूपेश था। रूपेश की मृत्यु कैंसर से हुई थी। आर्यन की मां रीमा का भी देहांत हो चुका है। आर्यन की एक बहन रूपा थी जो कानपुर चिड़ियाघर भेजी गई थी। उसकी भी मृत्यु हो चुकी है।

बीवी विशाखा और बच्चे जय-विजय को खलेगी कमी

आर्यन और विशाखा की दो नर संतानें जय और विजय भी फिलहाल बाड़े में रह रहे हैं। बच्चे आर्यन से ज्यादा हिले थे। उनको आर्यन के जाने की सबसे अधिक कमी खलेगी। प्राणि उद्यान के चिकित्सकों ने बताया कि सफेद बाघ इनब्रींडिग कारण जेनेटिकली आनुवांशिक रूप से कमजोर होते हैं। जिसके चलते ये एक उम्र के बाद हलकी फुल्की बीमारियों से भी जल्दी ग्रसित हो जाते हैं। कुछ दिनों से स्टाफ आर्यन में बढ़ी उम्र के लक्षणों को अत्यधिक परिलक्षित कर नोट कर रहा था। दो नवंबर से उसकी हालत और बिगड़ गई। उसका इलाज चल रहा था।

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