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सफलता के लिए तंत्र, यंत्र और मंत्र जरूरी

चिन्मय मिशन लखनऊ -श्रीमद्भागवतगीता पर आधारित 'सफलता के रहस्य' विषय पर प्रवचन

सफलता के लिए तंत्र, यंत्र और मंत्र जरूरी
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSun, 26 May 2019 08:40 PM
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चिन्मय मिशन लखनऊ

-श्रीमद्भागवतगीता पर आधारित 'सफलता के रहस्य' विषय पर प्रवचन

-अर्न्तराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान गोमतीनगर में पांच दिवसीय आयोजन

आध्यात्मिक, शैक्षिक तथा धार्मिक संस्था चिन्मय मिशन लखनऊ की ओर से राजधानी में रविवार से पांच दिवसीय श्रीमद्भागवतगीता पर आधारित 'सफलता के रहस्य' विषय पर प्रवचन शुरू हो गया। अर्न्तराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान गोमतीनगर में चिन्मय मिशन कोयंबतूर से पहुंची स्वामिनी विमलानंदा जी ने श्रद्धालुओं को चिन्मय मिशन कोयंबटूर से आयीं आचार्य स्वामिनी विमलानंद ने सफलता के सुनिश्चित मंत्र पर अपना प्रवचन दिया।

तंत्र की बेहतरी बगैर कुछ भी संभव नहीं

उन्होंने कहा कि सफलता के लिए तीन चीजों का होना जरूरी है। इनमें तंत्र, यंत्र व मंत्र हैं। तंत्र व्यवस्था है जो हमारे जीवन के लिए बहुत मायने रखती है। यंत्र व मंत्र की उपादेयता तंत्र के बेहतर होने पर ही निर्भर करती है। उन्होंने भक्तों को कई उदाहरणों के माध्यम से बताया सफलता की दूसरी चीज यंत्र है। चाहे वह मानव रिसोर्स हो या मैटेरियल रिसोर्स। बिना इसके काम नहीं चलता। यंत्र में सबसे खास बात यह है कि यंत्र ठीक रहे और यंत्र चलाने वाले भी ठीक होने चाहिए। ताकि जीवन की गाड़ी ठीक से चले।

यंत्र का तात्पर्य काम को सरल बनाने वाला

स्वामिनी विमलानंदा जी ने यंत्र की भूमिका के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि यंत्र की भूमिका वो है जो हमारे कार्य को सरल बनाये। यंत्र अगर कठिन बना दे तो यंत्र का कोई अर्थ नहीं है। यंत्र चलायें लेकिन उसमें निर्भर होना भी ठीक नहीं है। उन्होंने मोबाइल का उदाहरण देकर भक्तों को समझाया। उन्होंने कहा कि पहले के दिनों में जिस वक्त हमारे पास मोबाइल नहीं था तो उस वक्त हमारे दिमाग में मोबाइल नंबर होते थे लेकिन जब से मोबाइल आया तब से किसी का मोबाइल नंबर जानने के लिए हम मोबाइल का सहारा लेते हैं।

मंत्र का मतलब प्रेरणा से

सफलता के लिए तीसरी बात मंत्र होता है। इसका मतलब प्रेरणा से है। ऐसे मंत्र जो हमें पावर दें, शक्ति दें, उसे मंत्र कहते हैं। हर क्षेत्र में ऐसे मंत्र होते हैं। उन्होंने कहा सफलता हर व्यक्ति की नैसर्गिक चाह है। सफलता का सभी क्रय करना चाहते हैं विफलता का नहीं। कार्यक्रम में ब्रह्मचारी कौशिक चैतन्य, और लखनऊ चिन्मय सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष ऊषा गोविन्द प्रसाद, विनीत तिवारी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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