वीआईपी नंबरों की बोली में खेल करना महंगा पड़ेगा
कुछ खास नंबरों पर बोली लगाने के लिए जमानत धनराशि ज्यादा देनी होगी
कुछ खास नंबरों पर बोली लगाने के लिए जमानत धनराशि ज्यादा देनी होगी
चुनिंदा वीआईपी नंबरों पर 50 हजार रुपये तक हो सकती है बेस प्राइज मनी
लखनऊ। कार्यालय संवाददाता
ई नीलामी के जरिए वीआईपी नंबरों पर बोली लगाने में आवेदक खेल कर रहे है। इस खेल को खत्म करने के मकसद से परिवहन विभाग जमानत धनराशि में बदलाव करने जा रहा है। इस बदलाव में कुछ खास नंबर पर बोली लगाना महंगा साबित होगा। विभाग इसके लिए उन वीआईपी नंबरों का बेस प्राइज बढ़ाने की तैयारी में हैं जिनकी मांग सबसे ज्यादा है। ऐसे नंबरों की सूची तैयार की जा रही है। इस व्यवस्था से सबसे ऊंची बोली लगाने के बाद नंबर नहीं लेने पर पूरी जमानत धनराशि जब्त कर ली जाएगी।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि बीते कई सीरीज से ऐसा लग रहा है कि वीआईपी नंबरों की ऑनलाइन नीलामी में लोग मजा लेने के लिए बढ़चढ़ कर बोली लगा रहे है। ऐसे में लोग ऑनलाइन नीलामी में खिलवाड़ ना करने लगे, इसके लिए कुछ नंबरों को चयनित कर उनका बेस प्राइज बढ़ाए जाने की तैयारी चल रही है। जिन नंबरों की कीमत 15000 हजार उन्हें दोगुने से लेकर 50000 रुपये तक जमानत धनराशि के रूप में जमा करना पड़ सकता है। इतनी बड़ी रकम बेस प्राइज पर लगाने के बाद वहीं व्यक्ति ऑनलाइन नंबरों की नीलामी में हिस्सा लेगा जिसे जरूरत होगी। 50 हजार जब्त होने के डर से कोई व्यक्ति ऑनलाइन बोली में खिलवाड़ करने के लिए हिस्सा नहीं लेगा।
ऊंची बोली लगाकर गायब हो गए आवेदक
वीआईपी नंबरों की सीरीज यूपी 32 केपी में 0001 के लिए ऑनलाइन नीलामी में तीन लाख 18 हजार रुपये की अंतिम बोली। दूसरे सीरीज यूपी 32 केआर में 13 अप्रैल को 0001 एक नंबर के लिए 11 लाख 50 हजार रुपये की बोली लगाई। दोनों आवेदकों ने नंबर नहीं लिया। इसके लिए पांच-पांच हजार रुपये की बेस प्राइज जमा की थी। जिसे परिवहन विभाग ने जब्त तो कर लिया। बदले में विभाग को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए जमानत धनराशि में बढ़ोत्तरी की जाएगी।
वीआईपी नंबरों की सूची में 346 नंबर
वीआईपी नंबरों की सूची में 346 नंबर हैं। इन नंबरों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। अति विशिष्ट नंबर, विशिष्ट नंबर, विशेष नंबर और आकर्षक नंबर। इन नंबरों की कीमत 15000, 7500, 6000 और 3000 हजार के क्रम में है। ऑनलाइन नीलामी में हिस्सा लेने के लिए आवेदक को हर श्रेणी के नंबरों की कीमत का एक तिहाई हिस्सा जमानत धनराशि के तौर पर जमा करना होता है। तभी वह नीलामी प्रक्रिया में आवेदक हिस्सा ले सकता है।
नीलामी में इन नंबरों की मांग सबसे ज्यादा
अभी तक ई नीलामी में 0001, 0002, 0003, 0004, 0005, 0006, 0007, 0008, 0009, 0010, 0011, 9000, 9999, 1111, 0707, 5000, 0002, 0999, 3232, 0786 नंबरों की मांग ज्यादा रही है। इन नंबरों के लिए अब तक साढ़े ग्यारह लाख रुपये तक तक बोली लग चुकी हैं। इन नंबरों को सूची में शामिल करके जमानत धनराशि बढ़ाने की तैयारी है।
वर्जन
वीआईपी नंबरों की कीमत के आधार पर कम जमानत धनराशि की वजह से आवेदक ऊंची बोली लगाने के बाद नंबर नहीं ले रहे है। ऐसे आवेदकों पर रोक लगाने के मकसद से अब कुछ नंबरों के बेस प्राइज बढ़ाने की तैयारी है। इससे सिर्फ वहीं आवेदक बोली में हिस्सा लेंगे जिन्हें इन नंबरों की जरूरत होगी।
संजय नाथ झा
सीनियर आरटीओ
परिवहन विभाग