ई निलामी में 56 हजार में निलाम हुआ 0001 वीआईपी नंबर
वाहनों के फैंसी नंबरो की बोली से परिवहन विभाग की झोली भरी

वाहनों के फैंसी नंबरो की बोली से परिवहन विभाग की झोली भरी
बाकी नंबरों के लिए आवेदकों को बोली लगाने एक सप्ताह का मौका मिला
लखनऊ। कार्यालय संवाददाता
वाहनों के वीआईपी नंबरों की ऑनलाइन नीलामी में 0001 नंबर 56 हजार रुपए में नीलाम हुआ। बुधवार की शाम छह बजे आरटीओ ने एक नंबर खरीदने वाले आवेदक शिखर सक्सेना के नाम घोषणा की। परिवहन विभाग द्वारा शुरु की गई ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया के पहले चरण में 72 नंबरों के रजिस्ट्रेशन में कुल आठ नंबरों की नीलामी हुई। बाकी 64 अलग-अलग नंबरों पर बोली नहीं लग सकी। ऐसे में जिन नंबरों की निलामी में बोली नहीं लग सकी उन आवेदकों को बोली लगाने के लिए एक सप्ताह का मौका और मिलेगा।
दरअसल, वाहनों के वीआईपी नंबरों की एक सीरीज में 346 नंबर शामिल किए गए हैं। जिसे विभाग ने चार अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर कीमत तय किया है। जिनकी कीमत क्रमश: तीन हजार, छह हजार, साढ़े सात हजार व पंद्रह हजार रुपए है। एक नंबर पर बोली लगाने के लिए कम से कम तीन आवेदकों का होना जरूरी है। लेकिन इन आठ नंबरों को छोड़कर अन्य नंबरों के लिए संख्या तीन से कम रही। ऐसे में बाकी नंबरों के खरीदार नहीं मिले। ऐसे में 338 नंबरों की नीलामी प्रक्रिया एक सप्ताह के लिए फिर से होगी।
बचे नंबर उसी कीमत पर ऑनलाइन बेचेंगे
चार अलग-अलग श्रेणियों में जिन नंबरों की बोली नहीं लगेगी। उन नंबरों को अगले एक सप्ताह बाद ऑनलाइन पुरानी तय कीमतों पर बेच दिए जाएंगे। एआरटीओ राघवेंद्र सिंह बताते है कि पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर ऑनलाइन नंबर एक सप्ताह बाद दो व चार पहिया वाहन मालिकों को बेच दिए जाएंगे।
72 में से सिर्फ आठ वीआईपी नंबरों पर लगी बोली
नंबर पहले कीमत अब बोली लगी
0001 15,000 56,000
0009 15,000 37,500
1111 15,000 36,500
9999 15,000 38,500
3232 3,000 15,000
2323 3,000 3,500
5151 3,000 11,500
7171 3,000 3,500
आठ नंबरों की नीलामी में एक लाख तीस हजार का फायदा
वाहनों के 346 वीआईपी नंबरों में जो आठ अलग-अलग नंबरों की बोली लगी है उससे परिवहन विभाग को सवा लाख रुपये से ज्यादा का फायदा हुआ है। पूर्व में इन आठ अलग-अलग नंबरों को खरीदने में 72 हजार रुपये देना पड़ते थे। उन्हीं नंबरों की बोली लगने के बाद दो लाख दो हजार रुपये में नंबर बिके। ऐसे में विभाग को एक लाख तीस हजार रुपये का फायदा हुआ।
